पंजाब के गुरदासपुर जिले के तिबरी स्‍थि‍त आर्मी स्‍टेशन हेडक्‍वॉर्टर्स में काम करने वालीं तीन महिला सफाई कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया। दिहाड़ी पर काम करने वालीं इन महिला कर्मचारियों ने अपने ड्यूटी सुपरवाइजर के खिलाफ अश्‍लील कमेंट्स करने के आरोप लगाए थे। हालांकि, सुपरवाइजर और संबंधित विभाग ने महिलाओं के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ड्यूटी पर गैर जिम्‍मेदार रवैया अपनाने की वजह से कार्रवाई की गई है। जांच करने वाले अधिकारियों ने पाया कि ये महिलाएं निर्धारित आठ घंटे काम न करने के लिए बहाने बना रहे थे, जिसके बाद विभाग ने र्कारवाई की।
बर्खास्‍त कर्मचारी नीतू ने बताया, ”हम 2014 से वहां दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम कर रहे थे। काम पर नजर रखने के लिए हमारे साथी कुलदीप को सुपरवाइजर बनाया गया। वह हम पर अक्‍सर अश्‍लील और भद्दे कमेंट्स करता था। हमने पहले यह मामला सीनियर स्‍टेशन ऑफिसर बीएस गिल के सामने इस साल 29 जुलाई को उठाया। इसके बाद, 5 अगस्‍त को भी शिकायत की। हमें नौकरी देने वाले ठेकेदार को भी इस बारे में जानकारी दी। कुलदीप के खिलाफ एक्‍शन लेने के बजाए हमें नौकरी से निकाल दिया गया।” बता दें कि नीतू के अलावा सोनिया और डिंपल भी कार्रवाई हुई है। वहीं, एसएसओ गिल के मुताबिक, ”जांच में पाया गया कि ये महिला कर्मचारी अनुशासन के मुताबिक तयशुदा घंटों में काम करने को तैयार नहीं थे। वे दूसरे कर्मचारियेां को भी भड़का रहे थे। वे मजदूरों का नेता बनने की भी कोशिश कर रहे थे। वे एक दिन में कितना काम किया जाए, इस बात पर भी बहस कर रहे थे। उन्‍हें समझाया गया था कि वे तयशुदा आठ घंटे काम करें और गैर जरूरी ब्रेक न लें। हमने उन्‍हें कॉन्‍ट्रैक्‍ट के मुताबिक आराम करने का वक्‍त भी दिया, लेकिन वे सहयोग नहीं कर रहे थे। हमने मामले को हल करने की कोशिश की। अगर ऐसा न होता तो हम सीधे ठेकेदार को ही इन कर्मचारियों को बदलने के लिए कहते। कॉन्‍ट्रैक्‍ट के मुताबिक, वो ऐसा करने के लिए बाध्‍य भी है। हमारी इन महिलाओं से कोई दुश्‍मनी नहीं है। एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर ने उनके आरोपों की जांच की और उन्‍हें निराधार पाया।”