DCP committed suicide: फरीदाबाद के डिप्टी पुलिस कमिश्नर विक्रम कपूर ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर आत्महत्या कर ली थी। डीसीपी के सुसाइड के तीन दिन बाद मामले में एक नया खुलासा हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कपूर को भूपानी पुलिस स्टेशन के एसएचओ अब्दुल साहिद ने हनी ट्रैप में फंसाया था और ब्लैकमेल कर 2 करोड़ रुपये की मांग कर रहा था। अब्दुल के पास डीसीपी का एक विडियो था जिसमें वे एक महिला के साथ थे। अब्दुल उस विडियो की मदद से कपूर को ब्लैकमेल कर रहा था।

रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी एसएचओ को सस्पैंड कर चार दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक अब्दुल अपनी एक महिला मित्र की मदद से कपूर ओ फंसा रहा था। अब्दुल के पास कपूर और उस महिला का एक विडियो भी मिला है। अब्दुल द्वारा ब्लैकमेल किए जाने से कपूर काफी टेंशन में थे और 2 करोड़ रूपाय का इंतजाम कैसे किया जाये ये भी सोच रहे थे। कपूर ने अब्दुल को फोन कर गुजारिश भी की लेकिन अब्दुल उन्हें धमकाने लगा और गालियां देने लगा जिसके बाद कपूर ने यह कदम उठाया।

इतना ही नहीं कपूर पर दवाब बनाने के लिए एसएचओ ने एक लोकल पत्रकार की मदद भी ली। सतीश मलिक नाम के इस पत्रकार ने कपूर पर दवाब बनाने के लिए उनके खिलाफ खबरें भी छापी। मलिक मजदूर मोर्चा नाम का एक अखबार चलाता है। जिसमें वह अफसर, नेताओं और जजों के खिलाफ खबरें लिखता है। मालिक 2003 में एक मर्डर के आरोप में जेल भी जा चुका है। वहीं उसपर बहुत से धोखाधड़ी के केस भी दर्ज़ हैं।

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पुलिस की तरफ से अबतक यह साफ नहीं किया गया है कि कपूर ने सुसाइड क्यों किया। कपूर के पास से एक सूइसाइड नोट भी बरामद हुए है। उस नोट में अंग्रेजी में लिखा है “आईएम डूइंग दिस ड्यू टु अब्दुल। ही वास ब्लैकमेलिंग मी।” डीसीपी के बेटे अर्जुन कपूर ने शिकायत में कहा कि उनके पिता को अब्दुल शहीद, एसएचओ व सतीश मलिक मानसिक तौर पर तंग कर रहे थे। दोनों आरोपी कोई झूठा इल्जाम लगा रहे थे, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाए।