प्रयागराज के संगम तट पर चल रहे महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद प्रशासन हालात सामान्य करने की कोशिश कर रहा है। भगदड़ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित तमाम नेताओं ने दुख जताया है। आखिर भगदड़ के दौरान क्या हुआ, भगदड़ कैसे हुई, इसे लेकर तमाम तरह के सवाल लोगों के मन में हैं।

भगदड़ कैसे हुई, वहां मौजूद रहे लोग ही इसके बारे में सबसे बेहतर ढंग से बता सकते हैं। द इंडियन एक्सप्रेस ने ऐसे ही लोगों से बातचीत की है।

भगदड़ के बाद हालात ऐसे हो गए थे कि घाटों पर बिखरी हुई सैंडल, फेंके हुए कपड़े और लोगों के सामान बिखरे हुए थे। पुलिस अफसर लोगों को लाउडस्पीकर पर जरूरी निर्देश दे रहे थे और संगम के तट पर उदासी और बदइंतजामी का नजारा दिख रहा था। भगदड़ के बाद लोग अपने परिवार के लोगों को खोज रहे थे। लोग बड़े उत्साह और उमंग के साथ संगम के तट पर आए थे लेकिन इस घटना की वजह से वे काफी परेशान हो गए।

लोगों ने बुरी तरह कुचल दिया

सुल्तानपुर से अपने परिवार के साथ संगम के तट पर आए बासदेव शर्मा ने बताया, “अचानक भीड़ बहुत ज्यादा हो गई थी, मेरे परिवार का एक सदस्य भगदड़ में कुचल गया। हम नहाकर वापस आ रहे थे, तभी हमने देखा कि परिवार की एक महिला बेहोश गिरी हुई है।” बासदेव की रिश्तेदार को भाग रहे लोगों ने बुरी तरह कुचल दिया था। लोग उनके ऊपर से गुजरते हुए चले गए और कोई नहीं रुका।

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…अब हम घर कैसे लौटेंगे

सुल्तानपुर से ही आए रामप्रसाद यादव ने बताया कि भीड़ बहुत ज्यादा हो गई थी और इससे उन्हें सांस लेने में बहुत मुश्किल हुई। जब भगदड़ हुई उस दौरान वह नदी की ओर जा रहे थे और गिर गए थे। इससे पहले कि वह उठ पाते, भीड़ ने उन्हें बुरी तरह कुचल दिया। उनकी 65 साल की मां इस अफरा-तफरी में बुरी तरह घायल हो गईं। हमने एंबुलेंस बुलाई और तब उन्हें अस्पताल ले गए।”

रामप्रसाद यादव बताते हैं, “हमारे पास पैसे भी नहीं है, फोन भी नहीं है और हमें यह भी नहीं पता कि अब हम घर कैसे लौटेंगे।”

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…चाची जिंदा हैं या नहीं

संगम में आई देविका बताती हैं कि उनकी चाची अभी भी लापता हैं। देविका 20 लोगों के साथ रात करीब 12:30 बजे नहाने के लिए गई थीं लेकिन अचानक भीड़ आ गई और कुछ ही मिनट में उनकी चाची कहीं खो गई। वह कई घंटे तक खोया-पाया केंद्र में उन्हें ढूंढती रहीं। देविका डरी हुई हैं कि उनकी चाची जिंदा हैं या नहीं।

झारखंड के रहने वाले किशोर साहू अपने परिवार के 10 लोगों के साथ संगम तट पर आए थे। उन्होंने दिन में भी स्नान किया और रात को फिर से स्नान करने आए लेकिन जब अचानक से भीड़ बढ़ने लगी तो उनकी पत्नी कहीं खो गई। किशोर तब से अपनी पत्नी को खोज रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन सिर्फ कानून व्यवस्था संभाल रहा है और लोगों को खोजने में हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है।

पत्नी और बच्चों की तलाश में भटक रहे रमेश

गुना के रमेश ने बताया कि वह अपनी पत्नी और दो बच्चों की तलाश में रात से घाट पर भटक रहे हैं। रमेश ने कहा, “हालात ऐसे थे कि आप किसी को बचा नहीं सकते थे। मुझे अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा। जब मैं वापस लौटा तो परिवार बिछड़ चुका था।”

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