कैबिनेट में फेरबदल की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस फेरबदल में बजट की सोच और प्राथमिकताएं झलकेंगी। पीएम ने कहा कि वे केवल अपनी कैबिनेट का विस्तार कर रहे हैं न कि उसे बदल रहे हैं। दो साल बाद विस्तार होना स्वाभाविक है। कैबिनेट फेरबदल में चुनाव वाले राज्यों को प्राथमिकता देने के सवाल पर मोदी ने कहा, ”यह जरूरत के हिसाब से किया जाएगा।” साथ ही कहा कि केंद्र में सरकार बनने से पहले ही यूपी में हमारे 72 सांसद चुने गए।
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इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि दो साल बाद भी मीडिया के एक सेक्शन को नहीं मना पाने का सबसे अधिक खेद है। पीएम ने कहा, ”जहां तक अफसोस की बात है तो मुझे नहीं पता कि आप मेरे जवाब से खुश होंगे की नहीं। लोकसभा चुनावों के दौरान और उससे पहले मीडिया का एक सेक्शन मजबूती से मानता था कि हम नहीं जीतेंगे। मुझे अफसोस है कि पिछले दो साल में मैं उस सेक्शन को हमारा पॉइंट ऑफ व्यू नहीं समझा पाया। मेरे सामने चुनौती है कि मैं इन शंकालु को समझा और हमारी अच्छी भावना और विनम्रता से उन्हें मना नहीं पाया।”
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उन्होंने कहा कि पिछले 25 महीने में उनकी सरकार को जिस तरह से लोगों का विश्वास और उम्मीद मिली है, वह उनकी सबसे बड़ी जीत है। पीएम मोदी ने कहा, ”उड़ान भरने के लिए मतबूत नींव रखी जा चुकी है। भारत को बदलने के लिए यह निराशा से उम्मीद और आर्थिक मंदी से विकास की ओर ले जाने की क्षमता रखता है।” सरकार में हो रहे काम के बारे में उन्होंने कहा, ”हिंदू मान्यता है कि चारधाम की यात्रा के बाद ही मोक्ष मिलता है। लेकिन भारत में एक फाइल को 20 धाम जाने के बाद भी मोक्ष नहीं मिल पाता। इसमें बदलाव हो रहा है।”
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