Census 2027: भारत में जनगणना दो चरणों में होगी। अब रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने जनगणना के लिए 14,618.95 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। जातीय गिनती और जनगणना पहली बार डिजिटल तरीके से होगी। आरजीआई केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आता है। बजट मांगने की जानकारी इंडियन एक्सप्रेस को मिली है।

इस महीने की शुरुआत में आरजीआई ने ईएफसी की मंजूरी के लिए एक नोट जारी किया था। ईएफसी वित्त मंत्रालय के अधीन आता है। ईएफसी से मंजूरी मिलने के बाद गृह मंत्रालय केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव पेश करेगा। यह बजट दोनों चरणों की जनगणना के लिए मांगा गया है। पहले फेज में तो घरों की लिस्ट बनाना और घरों की जनगणना व उसके बाद दूसरा फेज जनसंख्या की गणना करना शामिल है।

डिजिटल तरीके से होगी जनगणना

जनगणना पहली बार डिजिटल तरीके से होगी। मोबाइल एप्लीकेश के जरिये आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जनता को खुद की गणना करने का ऑप्शन भी दिया जाएगा और जातिगत आंकड़े भी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से इकट्ठा किए जाएंगे। 30 अप्रैल को सीसीपीए ने जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का फैसला लिया था। बताया जा रहा है कि आरजीआई इस पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग, वेबसाइट और सीएमएमएस भी विकसित करने पर काम रहे हैं।

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कितने पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे

जनगणना के लिए 35 लाख से ज्यादा पर्यवेक्षक और गणनाकार तैनात किए जाएंगे। यह 2011 की जनगणना में तैनात किए गए कर्मचारियों की संख्या से 30 फीसदी ज्यादा हैं। केंद्र सरकार ने 16 जून को 2027 की जनगणना के लिए एक अधिसूचना जारी की थी। ऐसा पहली बार हुआ है, जब जनगणना कराने में छह साल की देरी हुई है।

साल 2021 में नहीं हो सकी जनगणना

दिसंबर 2019 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2021 में 8,754.23 करोड़ रुपये की लागत से जनगणना कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। 2021 की जनगणना भी दो फेज में ही कराने की प्लानिंग थी। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे नहीं कराया जा सका। साल 1872 से जनगणना लगातार होती रही है। 2027 की जनगणना कुल मिलाकर 16वीं जनगणना होगी और आजादी के बाद आठवीं जनगणना होगी।

जनगणना की प्रक्रिया के दौरान गांव, कस्बों और वॉर्ड लेवल पर जनसंख्या आंकड़े इकट्ठा किए जाते हैं। इसमें आवास की स्थिति, सुविधाएं, धर्म, भाषा, साक्षरता, प्रवास और शिक्षा संबंधित आंकड़े जुटाए जाते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, 1 मार्च, 2011 तक देश की जनसंख्या 1.21 अरब थी। इस साल इसके बढ़कर 1.41 अरब होने का अनुमान है। 2027 में 143.6 करोड़ की अनुमानित जनसंख्या के साथ जनगणना की लागत लगभग 101.8 रुपये प्रति व्यक्ति होगी।