केंद्र सरकार द्वारा एलान किया गया है कि अब लोग 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बैंक से जाकर बदल नहीं सकेंगे सिर्फ जमा करा सकेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘जनता के नाम संदेश’ में कुछ और ही कहा गया था। पीएम मोदी ने 8 नवंबर को दिए अपने भाषण में कहा था कि 24 नवंबर के बाद बैंक से पुराने नोटों को बदलवाने की लिमिट को बढ़ा दिया जाएगा लेकिन हुआ उसके उलट। पीएम मोदी ने कहा था, ’10 नवंबर से 24 नवंबर तक पुराने नोट बदलवाने की लिमिट चार हजार रुपए होगी, उसके बाद 25 नवंबर से 30 दिसंबर तक लिमिट को बढ़ा दिया जाएगा।’ इतना ही नहीं वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान और 11 नवंबर को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी प्रेस रिलीज में भी कुछ ऐसा ही कहा गया था।

लेकिन गुरुवार (24 नवंबर) को सरकार ने आधी रात से 500 और 1000 रुपए के नोट बदलवाने पर रोक लगा दी। इसके अलावा भी सरकार द्वारा वक्त-वक्त पर फैसले बदले जाते रहे हैं। बीच में बदलवाने की लिमिट को 4000 से 4500 रुपए भी किया गया था। लेकिन चार ही दिन में लिमिट को घटाकर 2000 रुपए कर दिया गया। बार-बार पैसा बदलवाने आ रहे लोगों को रोकने के लिए हाथ पर स्याही लगाने का फैसला भी किया गया था।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लिमिट को कम करने के बाद नोट बदलवाने वालों की संख्या में भारी कमी आई थी। बताया गया कि 10 नवंबर से 18 नवंबर के बीच रोजाना 3667 करोड़ रुपए बदलवाए जा रहे थे जो बाद में कुल 300 करोड़ रुपए रोजाना रह गए। वित्त मंत्रालय ने नोट बदलवाने पर लगाई गई रोक को सही ठहराने के लिए यही बात कही भी है। प्रेस रिलीज में कहा गया कि अब काफी कम संख्या में लोग नोट बदली के लिए आ रहे हैं।

24 नवंबर को जारी बयान के मुताबिक, सरकार ने जिन सेवाओं में पुराने प्रतिबंधित नोटों को जमा कराने की छूट दी है उनमें भी भुगतान केवल 500 रुपए के पुराने नोट के जरिए किया जा सकेगा। वह भुगतान 15 दिसंबर तक ही होगा। यानी 1000 रुपए का नोट कहीं नहीं चलेगा। टोल नाकों पर 3-15 दिसंबर तक टोल का भुगतान 500 रुपए के पुराने नोटों में किया जा सकेगा। इसके अलावा सरकारी स्कूलों की फीस भी पुराने 500 के नोटों के भरी जा सकती है। केंद्रीय भंडार पर भी 500 रुपए के नोटों को चलाया जा सकता है।