अपने अटपटे बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले आरएसएस के पूर्व कार्यकर्ता नेता संभाजी भिडे ने सोमवार को कहा कि अमेरिका चंद्रमा पर अपना अंतरिक्षयान भेजने की 39वीं कोशिश में इसलिए सफल रहा था कि उसने इसे ‘एकादशी के दिन’ भेजा था। भारत के चंद्रयान-2 अभियान के अंतिम क्षणों में उससे संपर्क टूटने की खबरों के मद्देनजर उनका यह बयान आया है।

आरएसएस के पूर्व कार्यकर्ता भिडे ने सोलापुर में एक कार्यक्रम में कहा, ‘अमेरिका ने इससे पहले 38 बार चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्षयान भेजने की कोशिश की लेकिन वह हर बार नाकाम रहा।’ उन्होंने दावा किया कि बार- बार की नाकामियों के बाद एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने भारतीय काल गणना अपनाने का सुझाव दिया था। इसका अनुपालन करते हुए अमेरिका अपनी 39वीं कोशिश में सफल रहा।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भिडे ने अटपटा बयान देते हुए नासिक में कहा था कि उनके बाग का आम खाने पर कई दंपतियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। उन्होंने कहा, ‘मेरे बाग का आम खाने वाली कुछ महिलाओं ने बेटों को जन्म दिया है।’ बता दें कि महाराष्ट्र में शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान प्रमुख भिडे जनवरी 2008 के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपियों में से एक हैं।

उल्लेखनीय है कि हिंदू पंचांग की ग्वारहवी तारीख को एकादशी कहते हैं। यह पूर्णिमा और अमावस्या के बाद आती है। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। दोनों तरह की एकादशियों का भारतीय सनातन समुदाय में बहुत बड़ा महत्व है। (भाषा इनपुट)