बिहार विधानसभा के लिए पांच चरणों में होने वाले चुनाव में पहली बार केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल सभी 62,779 मतदान केंद्रों पर तैनात की जाएगी। चुनाव आयोग ने सोमवार को इस आशय की जानकारी दी है। राज्य में चुनाव में 323 पर्यवेक्षक होंगे जिसमें से 243 सामान्य पर्यवेक्षक और 80 खर्च संबंधी पर्यवेक्षक होंगे जो चुनाव के दौरान अवैध धन के प्रवाह पर लगाम लगाएंगे और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे।
मतदान केंद्रों पर सौर लैम्पों का उपयोग किया जायेगा ताकि राज्य में बिजली चले जाने के दौरान इनका उपयोग किया जा सके। राज्य में बिजली चले जाने की स्थिति का सामना करना पड़ता है। चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा, ‘‘बिहार के शत प्रतिशत मतदान केंद्रों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के दायरे में लाया जायेगा। एक भी मतदान केंद्र इससे अछूता नहीं रहेगा। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बल तैनात होंगे।’’
सभी दलों के साथ विचार विमर्श के बाद राज्य में सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों को तैनात करने का निर्णय किया गया है। रावत ने कहा, ‘‘जब आयोग बिहार गया था तब सभी दलों ने हमें बताया कि चाहे मतदान कितने भी चरणों में क्यों न हो, लेकिन शांतिपूर्ण एवं व्यवहारिक ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए केंद्रीय बलों को सभी मतदान केंद्रों पर तैनात किया जाना चाहिए।’’
चुनाव आयुक्त ने कहा कि खर्च की निगरानी प्रणाली सुनियोजित ढंग से तैयार की गई है। हमारे व्यय निगरानीकर्ता नामांकन के दिन वहां पहुंचेंगे। वीडियोग्राफी की टीम भी होगी। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि खर्च मंजूर सीमा के दायरे में हो।
उन्होंने कहा, ‘‘80 खर्च संबंधी पर्यवेक्षक होंगे। एक सामान्य पर्यवेक्षक सभी सीटों पर रहेंगे। इसलिए 243 सामान्य पर्यवेक्षक होंगे।’’
मतदाताओं को लुभाने के लिए कालेधन के इस्तेमाल की संभावना के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि सभी तरह के ऐसे कार्यो पर लगाम लगायी जायेगी। चाहे कालाधल हो, या सफेद धन, हम रंग को महत्व नहीं देंगे… धन, धन होता है, खर्च सीमा के अंदर होना चाहिए और आचार संहिता का पालन किया जाना चाहिए।