Lok Sabha Election 2019: कर्नाटक सरकार की कंपनी ‘मैसूर पेंट्स एंड वारनिश लिमिटेड’ को चुनाव आयोग की तरफ से वोट डालने के बाद उंगली पर लगने वाली स्याही (MPVL Ink) बनाने का ऑर्डर मिला है। चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कंपनी को 26 लाख वायल की सप्लाई करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि यह स्याही अमिट होती है और पूरे देश में सिर्फ यही कंपनी इस स्याही का प्रोडक्शन करती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, इस ऑर्डर से कंपनी को 33 करोड़ रुपए की कमाई होगी। कंपनी के जनरल मैनेजर सी.हारा कुमार का कहना है कि प्रत्येक वायल में 10 ml स्याही होती है, जिससे करीब 700 मतदाताओं की उंगली पर निशान लगाया जा सकता है। कुमार ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें 22 लाख वायल बनाने का ऑर्डर मिला था।
मतदाताओं की संख्या में आया उछालः 2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार मतदाताओं की संख्या में 8.2 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई है। इस तरह 2019 के लोकसभा चुनावों में कुल 89.7 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। यही वजह है कि चुनाव आयोग ने भी स्याही के ऑर्डर में बढ़ोत्तरी करते हुए 26 लाख वायल बनाने का ऑर्डर दिया है। खबर के अनुसार, 7 जनवरी से स्याही का प्रोडक्शन शुरु हो चुका है और जल्द ही स्याही की सप्लाई भी कर दी जाएगी। चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान भी कर दिया है। 17वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव 7 चरणों में होंगे और पहले चरण के लिए मतदान 11 अप्रैल से शुरु होगा। वहीं अंतिम चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी, जिसके बाद 23 मई तक चुनाव के नतीजे आ जाएंगे।
चुनाव की स्याही बनाने वाली कंपनी मैसूर पेंट्स एंड वारनिश लिमिटेड की बात करें तो इसकी शुरुआत साल 1937 में तत्कालीन मैसूर महाराज नलवाडी कृष्णाराजा वड्यार ने की थी। साल 1989 में इस कंपनी का नाम बदलकर मैसूर पेंट्स एंड वारनिश लिमिटेड कर दिया गया। यह कंपनी पेड़ों से मिलने वाले ‘लाक’ से सीलिंग वैक्स और पेंट्स का निर्माण करती है। इस कंपनी के पेंट्स का इस्तेमाल सरकारी विभागों और रक्षा विभागों द्वारा किया जाता है। साल 1947 में इस कंपनी को सरकार ने अधिग्रहित कर लिया। साल 1962 से चुनाव आयोग द्वारा इस कंपनी की स्याही का इस्तेमाल चुनावों के दौरान किया जा रहा है।

