महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को लेकर अटकलें चल रही हैं। इसी बीच एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी पद की रेस में नहीं हैं। श्रीकांत ने साफ किया है कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री को लेकर कोई दावेदारी नहीं पेश की है। अगर वो चाहते तो केंद्र सरकार में मंत्री बन सकते थे। लेकिन उनको पद की कोई चाह नहीं है। सोमवार को उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस बात की जानकारी दी है।
महायुति को मिली प्रचंड जीत
बीते 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए। जिसमें बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन को प्रचंड जीत मिली। जहां एक ओर बीजेपी 132 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। वहीं शिंदे के गुट वाली शिवसेना को 57 सीटें मिली।
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चुनाव परिणाम के बीते करीब 10 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी भी इस बात का ऐलान नहीं हो पाया है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? हालांकि इसी बीच इस बात की अटकलें शुरू हो गई थीं कि देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में एकनाथ शिंदे उनके डिप्टी नहीं बनेगे। ऐसे में शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे को शिवसेना की ओर से डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।
पद का कोई लालच नहीं
हालांकि सभी चर्चाओं पर खुद श्रीकांत शिंदे ने विराम लगा दिया। श्रीकांत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘चूंकि महायुति सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कुछ देरी हो गई है, इसलिए अफवाहें फैल रही हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अस्वस्थता के कारण दो दिन के लिये गाँव में विश्राम करने चले गये, तो बाहर अफवाह शुरू हो गया। पिछले दो दिनों से खबरें चल जा रही हैं। दरअसल इसमें कोई सच्चाई नहीं है और मेरे पद को लेकर चल रही सभी खबरें बेबुनियाद और निरर्थक हैं।
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लोकसभा चुनाव के बाद मुझे केंद्र सरकार में मंत्री पद का ऑफर मिला था। पार्टी संगठन के साथ काम करने के बारे में सोचते हुए मुझे अभी भी मंत्री पद का कोई लालच नहीं है। मैं एक बार फिर स्पष्ट कर देता हूं कि मैं प्रदेश के किसी मंत्रालय का हिस्सा नहीं होने वाला हूं। हम मीडिया के उत्साह को समझ सकते हैं, लेकिन मैं सभी दिग्गजों से अनुरोध करता हूं कि वे तथ्यों से मुंह मोड़ लें।’