मिस्र की पत्रकार सॉलफा मग्डी के वकील ने अटार्नी जनरल को भेजी अपनी शिकायत में गंभीर आरोप जड़े हैं। वकील का कहना है कि महिला पत्रकार का जेल में शारीरिक और यौन उत्पीड़न किया गया। वकील के मुताबिक, सॉलफा के कपड़े उतारकर उसे तब तक पीटा गया जब तक उसके गुप्तांग में से खून नहीं बहने लगा।

सॉलफा को नवंबर 2019 में उसके पति फोटोजर्नलिस्ट हॉसम अल-सय्यद और उनके एक पत्रकार दोस्त मोहम्मद सालाह के साथ कैफे से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें काहिरा के नजदीक स्थित डॉक्की से पकड़ा गया था। आरोप है कि तीनों ने इजरा अब्देलफता की मदद की। इजरा राजनीतिक कैदी है और उसे भी गलत पत्रकारिता करने के आरोप में पकड़ा गया था।

सॉलफा को अल-कांतेर की महिला जेल में रखा गया है। सॉलफा का सात साल का बेटा भी है। आरोप है कि पिछले 1 साल से दंपति को अपने बेटे से भी नहीं मिलने दिया जा रहा। इजरा की तरह सॉलफा और उसके पति पर गलत खबरें फैलाने और आतंकी संगठन से सांठगांठ करने का आरोप लगाया गया है। सॉलफा और उसका पति फ्रीलांस करते हैं। हालांकि, उनके सामने आर्थिक दुश्वारियां हैं, बावजूद इसके अपने जीवन को खतरे में डालकर वे दोनों मिस्र की खबरें दुनिया तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि तुर्की और चीन के साथ मिस्र उन तीन देशों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा पत्रकारों को जेल में डाला गया है।

पिछले साल दिसंबर में मुस्लिम ब्रदरहुड को चरमपंथी संगठन घोषित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। मिस्र की अंतरिम सरकार ने कई पत्रकारों पर मोहम्मद मोर्सी और अन्य धर्मनिरपेक्ष विपक्षियों से जुड़े मानव अधिकार के मामलों से जुड़ी पक्षपातपूर्ण खबरें चलाने का आरोप लगाया है। इन सभी को जेल में डालकर मुकदमे चलाए जा रहे हैं। जेल में इन लोगों को शारीरिक उत्पीड़न होने की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं।