अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 मापी की गई। यह रविवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह कैंपबेल बे से 70 किमी दूर दोपहर 4 बजकर 13 मिनट पर आया। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने-अपने घरों से बाहर आ गए।
गौरतलब है कि द्वीपसमूह भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील क्षेत्रों में माना जाता है। इन क्षेत्रों में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किये जाते हैं। आपको बता दें कि रविवार सुबह भी अंडमान निकोबार द्वीप पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.9 मापी गई थी।
वहीं इससे पहले शनिवार देर रात गुजरात के कच्छ जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। बता दें कि इन झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई थी। हालांकि, इसमें किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई है। आईएसआर के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक महीने में इस जिले में आया 3.0 या उससे अधिक तीव्रता वाला पांचवा भूकंप है।
तीव्रता के आधार पर खतरा: बता दें कि भूकंप के झटकों की तीव्रता को ऐसे समझा जा सकता है कि अगर रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक है तो इसे अधिक खतरनाक माना जाता है। वहीं अगर भूकंप 2.0 या इससे कम की तीव्रता वाला है तो इसे सूक्ष्म भूकंप कहते हैं। कई बार ऐसी तीव्रता वाले भूकंप महसूस नहीं होते। इसके अलावा 4.5 की तीव्रता वाले भूकंप घरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अधिक तीव्रता वाले भूकंप में चिली का जिक्र होता है। बता दें कि 22 मई 1960 को आये इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.5 मापी गई थी।इसकी वजह से फिलीपींस, दक्षिणी चिली, जापान, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में जबरदस्त तबाही मची थी। वहीं अगर जानमाल के नुकसान के आधार पर भूकंप की बात करें तो 1556 में चीन में भूकंप काफी खतरनाक था। आंकड़ों के मुताबिक इसमें 8.30 लाख लोगों की जान गई थी।
शक्तिशाली भूकंप: नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को आये भूकंप से भारी तबाही मची थी। बता दें कि नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसकी वजह से करीब 9,000 से अधिक लोगों की जान गई थी और 23,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इससे पहले 1934 में नेपाल और उत्तरी बिहार में 8.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 10,600 मौतें हुई थीं।
9.1 की तीव्रता से 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया में आये भूकंप का असर भारत में भी देखने को मिला था। बता दें कि यह एक सुनामी थी, जिसमें भारत के अलावा कई देशों में 2 लाख 30 हजार लोगों की जान गई थी। इसके अलावा 11 मार्च 2011 में जापान में 9.0 तीव्रता से आए भूकंप में 18 हजार लोगों की जान गई थी।
