EAM S Jaishankar UPSC Interview: आपातकाल की 50 बरसीं को लेकर कांग्रेस पर हमलावर बीजेपी और केंद्र सरकार के मंत्री आक्रामक रवैया अपनाए हुए हैं। वहीं विदेश मंत्री और पूर्व आईएफएस अधिकारी एस जयशंकर ने यूपीएससी के अपने इंटरव्यू को लेकर जानकारी शेयर की है। उन्होंने बताया था कि उनका इंटरव्यू आपातकाल के आखिरी दिन हुआ था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने यूपीएससी इंटरव्यू को याद करते हुए बताया है कि उनका इंटरव्यू 21 मार्च 1977 में हुआ था। ये वही दिन था जब 21 महीनों बाद देश में आपातकाल को खत्म किया गया था। विदेश मंत्री ने कहा कि वे इंटरव्यू के वक्त 22 साल के थे।
‘राजनीतिक बदलाव की लहर’
एस जयशंकर ने कहा है कि मेरे UPSC इंटरव्यू के दिन ही आपातकाल खत्म हुआ था। मैं उस सुबह का पहला उम्मीदवार था। उन्होंने कहा, “यह संयोग केवल तारीख का नहीं था, बल्कि एक राजनीतिक बदलाव की लहर उनके साक्षात्कार का हिस्सा भी बन गई थी। उस समय 1977 के आम चुनाव के नतीजे सामने आ रहे थे और लोगों को लगने लगा था कि आपातकाल के खिलाफ जनभावना बहुत प्रबल है।”
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इंटरव्यू से उन्हें मिली कई सीख
विदेश मंत्री ने एस जयशंकर ने कहा कि उस इंटरव्यू से उन्हें दो बड़ी सीख मिली।
पहला- दबाव में संवाद करना कैसे सीखें-
विदेश मंत्री ने कहा कि उनसे चुनाव के नतीजों को लेकर सवाल पूछा गया था। उस समय वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में राजनीति शास्त्र के छात्र थे और खुद भी चुनाव प्रचार में भाग ले चुके थे। उन्होंने कहा कि मैं इंटरव्यू में भूल गया कि मैं इंटरव्यू में हूं, और उसी पल मेरी संवाद क्षमता अपने आप निखर आई। उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी सोच से जुड़े लोगों को बिना नाराज किए सच कहना कठिन था लेकिन उन्होंने इसे बखूबी निभाया।
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दूसरा- ‘बबल’ में रहने वाले खास लोग
जयशंकर ने अपनी इटरव्यू की सीख को लेकर बताया कि इंटरव्यू बोर्ड के कुछ सदस्य चुनाव परिणामों से हैरान थे। उन्होंने कहा कि वे यकीन नहीं कर पा रहे थे कि जनता ने ऐसा फैसला किया लेकिन हम छात्रों को तो पहले से यह हवा महसूस हो रही थी। इससे उन्हें यह समझ आया कि कई बार देश के शीर्ष पर बैठे लोग जमीनी हकीकत से कट चुके हैं।
एस जयशंकर ने यूपीएससी को बताया ‘अग्निपरीक्षा’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूपीएससी की परीक्षा को ‘अग्निपरीक्षा’ बताया है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया की एक अद्वितीय चयन प्रक्रिया है, जो सेवा के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार चुनती है। उन्होंने नई पीढ़ी के सिविल सेवा उम्मीदवारों को संबोधित करते हुए कहा, “यह ‘आपका युग है, आपको काम करना है, परिणाम देना है, और आप ही इस युग के नेतृत्वकर्ता होंगे।”
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