उत्तराखंड के चार धामों में से एक केदारनाथ मंदिर के कपाट तय तिथि 29 अप्रैल को ही खोले जाएंगे। केदारनाथ धाम के पंडे व पुजारियों ने मंदिर के कपाट खोलने की तिथि आगे बढ़ाने से साफ मना कर दिया है। बैठक के बाद केदारनाथ धाम के पंडे व पुजारियों ने जारी बयान में कहा कि केदारनाथ धाम को लेकर जो प्राचीन परंपरा है, उसी को बरकरार रखा जाएगा।
केदारनाथ धाम के कपाट खोलने का निर्णय उखीमठ में महाशिवरात्रि के दिन लिया जाता है और हिंदू पंचांग के हिसाब से यह तिथि तय की जाती है। उधर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ धाम के पंडे व पुजारियों और मुख्य पुजारी रावल से अपील की है कि वे बदरीनाथ के कपाट खोले जाने की तिथि को आगे बढ़ाए जाने की तरह ही केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि भी आगे बढ़ाएं। अब राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि बदरीनाथ के कपाट खोलने की तिथि तो आगे बढ़ा दी गई है लेकिन केदारनाथ के पुजारी मंदिर के कपाट खोलने की तारीख आगे बढ़ाने को तैयार नहीं हैं।
ज्योतिष पीठ बदरीनाथ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तय तिथि को आगे बढ़ाए जाने की निंदा की है और जगतगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित प्राचीन परंपरा का उल्लंघन करने का आरोप राज्य सरकार और टिहरी राजघराने पर लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य और देश को इसके दुुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप कर राज्य सरकार को बदरीनाथ जी के कपाट निर्धारित तिथि 30 अप्रैल को ही खोले जाने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और टिहरी राजघराने को ज्योतिष पीठ बदरीनाथ का शंकराचार्य होने के नाते उसे भी इस बारे में सलाह-मशविरा करना चाहिए था। ऐसा न करके राज्य सरकार और टिहरी राजघराने ने आदि जगदगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित ज्योतिष पीठ के आचार्य की अवमानना की है।
सोमवार को देहरादून में मुख्यमंत्री आवास में बदरीनाथ मंदिर के मुख्य कर्ताधर्ता टिहरी के राजा यजुवेंद्र सिंह की मुख्यमंत्री के यहां राज्य के आला अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें टिहरी के राजा ने बदरीनाथ मंदिर के कपाट 30 अप्रैल की बजाय 15 मई को खोलने का एलान किया था। राज्य सरकार ने केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने का निर्णय लेने और उसकी तिथि में परिवर्तन करने या न करने का अधिकार केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल पर छोड़ दिया था। केदारनाथ धाम के उखीमठ क्षेत्र में स्थित ओमकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ मंदिर के पंडे पुजारियों वेद पाठी की मंगलवार को बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से मंदिर के कपाट खोलने की तिथि आगे न बढ़ाने का फैसला लिया गया।
