जम्मू-कश्मीर के पूंछ में आतंकियों से लड़ते हुए रविवार को शहीद हुए बीएसएफ जवान रमेश चौधरी के पार्थिव शरीर के कथित अपमान का मामला सामने आया है। शहीद रमेश का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह उनके पैतृक गांव राजस्थान के सिरोही जिले के नागाणी लाया गया था। एक चैनल ने दावा किया कि अंतिम संस्कार के समय लकड़ी कम पड़ने के कारण शहीद के आधे जले हुए शरीर को कुल्हाड़ी से टुकड़े करवा कर चिता में डलवा दिया गया। बताया जा रहा है कि शहीद के पार्थिव शरीर को ताबूत के साथ ही चिता में रख दिया गया। जबकि ताबूत में प्लास्टिक और शव के खराब ना होने देने वाला कैमिकल पहले से ही मौजूद था। इस कारण शव ठीक प्रकार से जल नहीं सका और बाद में परिजनों और ग्रामीणों ने अधजले शव को कुल्हाड़ी से टुकड़े कर मौजूद चिता में बची हुई लकड़ियों  से अंतिम संस्कार की रस्म को पूरा किया।

स्थानीय मीडिया के अनुसार इस पूरे विवाद के बढ़ने पर शहीद के बड़े भाई ने प्रशासन को लिख कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। लोकल अधिकारी भी इस प्रकार की किसी भी घटना से  इनकार कर रहे हैं। वहीं इस मामले पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस मामले में जांच और सरकार के नुमाइंदों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं राजस्थान की बीजेपी सरकार जांच की बात कर रही हैं। राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष अशोक परनामी का कहना है कि इस मामले की रिपोर्ट मंगवाई है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा अपमान हुआ है कि दोषियों को माफी नहीं मिलेगी। हालंकि इससे पहले शहीद  रमेश का शव जब मंगलवार सुबह पैतृक गांव पहुचा तो उनकी अंतिम यात्रा में हजारो लोग शामिल हुए। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी शवयात्रा में लगभग 10 हजार लोग शामिल हुए थे। बेटे का शव देखकर माता-पिता फूट-फूट कर रोने लगे। सेना ने शहीद के शव गार्ड ऑफ आर्नर भी दिया। स्थानीय लोगों ने शव पर फूल भी बरसाए।


न्यूज चैनल आईबीएन 7 द्वार दी गई खबर के अनुसार लकड़ी कम पड़ने के कारण शहीद के शरीर के टूकड़े कर जलाने के कोशिश की गई।