नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार की ओर से रोजाना की जा रही नई-नई घोषणाओं से भयभीत आम लोगों ने नई करंसी को बैंक में जमा करवाना बंद कर दिया है। सरकार की ओर से अब तक करीब 4 लाख करोड़ रुपए की नई करंसी लोगों में बांटी जा चुकी है, लेकिन वह वापस बैंकों तक नहीं पहुंच पा रही है। ज्यादातर बैंकों को रिजर्व बैंक से नई करंसी ज्यादा नहीं मिल रही है और लोगों तक पहुंची नई करंसी भी वापस बैंकों में नहीं आ नहीं रही है। इसके कारण बैंकों और एटीएएम के बाहर नई करंसी लेने वालों की कतारों में कोई कमी नहीं हो रही है। सरकार को उम्मीद थी कि पुराने नोट बदलने की समयसीमा खत्म होने के बाद बैंकों के बाहर लगी लाइनों में कमी आएगी, लेकिन नई करंसी की आस में बैंकों के बाहर लगने वाली भीड़ थमती नजर नहीं आ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 8 नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ने नई करंसी लेने के लिए शुरुआत में कई घोषणाएं की थीं।
पहले लोगों को बैंकों से एक दिन में 4500 रुपए निकालने की छूट दी गई थी। इसी तरह से एटीएम से 2500 रुपए निकालने की छूट दी गई थी। इसके बाद जब बैंकों और एटीएम के बाहर नई करंसी लेने वालों की लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई, तो वित्त सचिव ने घोषणा कर दी कि एक दिन में बैंक और एटीएम से सिर्फ 2000 रुपए ही निकाले जा सकते है। केंद्र सरकार को उम्मीद थी कि उसकी उस घोषणा के सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद नोटबंदी को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध शुरू कर दिया, तो आम लोगों को लगा कि हो सकता है कि सरकार झुक जाए और फिर से करंसी को लेकर कोई नया आदेश जारी हो जाए। बैंकों के बाहर नई करंसी लेने वालों की लाइनें कम नहीं हुई, तो सरकार ने कहा कि अमीर लोग आम लोगों को लाइनों में लगवाकर अपने लिए नई करंसी निकलवा रहे हैं। उसके बाद सरकार ने घोषणा कर दी कि बैंकों से करंसी निकलवाने वाले लोगों की उंगलियों पर स्याही लगाई जाएगी। बैंकों में करंसी लेने वालों की उंगलियों पर स्याही लगनी शुरू हो गई, लेकिन उसके बाद भी बैंकों के बाहर नई करंसी के लिए लोगों की कतारों में कोई भी कमी नहीं आई।
हाल ही में केंद्र सरकार ने करंसी को लेकर एक और नई घोषणा कर दी कि वह सौ, पचास व बीस रुपए के भी नए नोट जारी करेगी। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि पुरानी करंसी को बंद नहीं किया जाएगा। इसी बीच गुरुवार को सरकार ने नई करेंसी को लेकर एक और घोषणा कर दी। वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि वह 500 रुपए का एक और नोट लाएगा। आलम यह है कि अब करंसी के मामले में लोगों का सरकार से भरोसा उठने लगा है और इसका सारा असर बैंकिंग प्रणाली पर पड़ रहा है। बैंकों का काम इन दिनों लोगों को नई करंसी देने का ही रह गया है। वहीं लोगों तक पहुंची नई करंसी बैंकों से दूर है, जिससे मुद्रा का पुनर्चक्रण रुक गया है और बैंकों के बाहर लोगों की भीड़ खत्म नहीं हो रही है। नेशनल आॅर्गनाइजेशन आॅफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि जो नई करंसी लोगों में बांटी गई है, जब तक वह वापस बैंकों के लेन-देन की प्रक्रिया में नहीं आएगी, तब तक बैंकों के बाहर करंसी लेने वालों का सिलसिला खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार को भी आम लोगों में करंसी को लेकर भरोसा पैदा करना होगा और उन्हें विश्वास दिलाना होगा कि सरकार के पास काफी मात्रा में नई करंसी है और अब यह बंद नहीं होगी।
