दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को दो डॉक्टरों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोग मरीजों से रिश्वत लेकर काम करने जैसे करप्शन के मामले में शामिल थे। जानकारी यह है कि वह जल्दी इलाज करने और बेहतर व्यवस्था देने के नाम पर पैसा लूटते थे।

क्या था करप्शन का तरीका?

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) हॉस्पिटल में चल रहे इस भ्रष्टाचार के पांच तरीके थे। जिनमें से रिश्वत के बदले मरीजों का एडमिशन देने और फर्जी चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने जैसे मामले शामिल हैं।

कौन हैं ये डॉक्टर?

जानकारी सामने आ रही है कि गिरफ्तार किए गए दोनों डॉक्टरों की पहचान कार्डियोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर पर्वतगौड़ा और कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर अजय राज के रूप में की गई है। दोनों आरएमएल अस्पताल में काम करते थे और कथित तौर पर रिश्वत लेते पकड़े गए थे।

गिरफ्तार किए गए सात अन्य लोगों में से एक की पहचान केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में लैब-इंचार्ज प्रभारी रजनीश कुमार के रूप में की गई है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने, मेडिकल टेस्ट सर्टिफिकेट जारी करने और इलाज के लिए मरीजों से पैसे वसूलने की आड़ में रिश्वतखोरी का रैकेट चल रहा था। जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपियों ने नकद और डिजिटल भुगतान में रिश्वत ली। सीबीआई ने डॉक्टरों और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति से जुड़े डीलरों से जुड़े 15 स्थानों पर छापेमारी की।

इन सबको भ्रष्टाचार निवारण और आपराधिक साजिश के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है। नौ गिरफ्तारियों के अलावा, सीबीआई ने 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और जांच शुरू की है।