दिल्ली की एक अदालत ने एक न्यूज चैनल पर बहस के दौरान एक पुजारी की कथित तौर पर मानहानि करने के मामले में हिंदू महासभा के एक नेता के खिलाफ समन खारिज करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि पहली नजर में साफ है कि उन्होंने शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के मकसद से इलजाम लगाया।
अदालत ने हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि की पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी जिसमें अक्तूबर 2013 में पुजारी अजय गौतम की कथित तौर पर मानहानि करने के आरोप में उनको समन करने के मजिस्ट्रेट के फैसले को निरस्त करने की मांग की गयी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय गुप्ता ने कहा, ‘याचिकाकर्ता चक्रपाणि ने अपनी कथित टिप्पणी में जो शब्द इस्तेमाल किये वह मानहानिकारक थे और यह एक टीवी समाचार चैनल पर कहा गया था।
इसलिए, पहली नजर में साफ है कि याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी गौतम की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के मकसद से इलजाम लगाया या कम से कम ऐसा माना जा सकता है कि प्रतिवादी के चरित्र के बारे में जिस तरह के शब्द वह इस्तेमाल कर रहे थे तो उन्हें पता था कि वह उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचायेगा।’