अंतरराष्ट्रीय कैब बुकिंग सेवा ‘उबर’ पर आज राष्ट्रीय राजधानी में पाबंदी लगा दी गई। निजी कंपनी में काम करने वाली 27 साल की एक युवती से कथित तौर पर बलात्कार के सिलसिले में ‘उबर’ के एक ड्राइवर की गिरफ्तारी के एक दिन बाद कंपनी पर पाबंदी लगाई गई। युवती से बलात्कार की इस घटना पर पैदा हुए जनाक्रोश ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों की तरफ फिर से सबका ध्यान खींचा है।

दिल्ली सरकार ने ‘उबर’ को काली सूची में डाल दिया जिससे यह कंपनी राजधानी में किसी तरह की परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं करा पाएगी। सरकार ने यह कदम उस वक्त उठाया जब पता चला कि आरोपी शिव कुमार यादव बार-बार अपराध करने वाला शख्स है। वह पहले भी बलात्कार के एक मामले में सात महीने जेल में बिता चुका है।

नियमों के मुताबिक, सभी निजी कैब सेवा प्रदाताओं के लिए यह जरूरी है कि वह ड्राइवरों की पृष्ठभूमि की जांच और उनका पुलिस सत्यापन कराएं।
दिल्ली की एक अदालत ने 32 साल के यादव को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। वह 11 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में रहेगा। पुलिस ने कहा कि रविवार को मथुरा में गिरफ्तार किए गए यादव से पूछताछ की जरूरत है ताकि उसके द्वारा इस्तेमाल में लाए गए मोबाइल फोन को बरामद किया जा सके।

‘उबर’ कैब चला रहे यादव ने शुक्रवार की रात युवती से उस वक्त कथित तौर पर बलात्कार किया जब वह उत्तर दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में स्थित अपने घर लौट रही थी। पीड़िता गुड़गांव की एक वित्तीय कंपनी में काम करती है।

दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘परिवहन विभाग ने ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट उबर डॉट कॉम’ द्वारा परिवहन सेवा उपलब्ध कराने से जुड़ी सभी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगा दी है। विभाग ने कंपनी को भविष्य में दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोई परिवहन सेवा प्रदान करने के मामले में भी काली सूची में डाल दिया है।’’

पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि ‘उबर’ की तरफ से आपराधिक लापरवाही की गई। जांच के दौरान कई तरह की कथित खामियां सामने आई हैं। न तो ड्राइवर का पुलिस सत्यापन कराया गया था और न ही कार में जीपीएस उपकरण लगा था।

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास के बाहर सहित कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए। हाथों में तख्तियां लेकर और सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के लिए बेहतर सुरक्षा और आरोपी ड्राइवर के लिए सख्त सजा की मांग की।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह ‘उबर’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सकती है, क्योंकि अब तक की जांच में कंपनी की तरफ से बरती गई ‘‘आपराधिक लापरवाही’’ सामने आई है । आज कंपनी के महाप्रबंधक से पुलिस ने पूछताछ भी की थी।

‘उबर’ के महाप्रबंधक (विपणन) गगन भाटिया, जो कंपनी के भारत प्रभारी होने का दावा कर रहे हैं, दिन भर चली पूछताछ के दौरान पुलिस को कंपनी के कामकाज और इसकी नीतियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे सके।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हम देख रहे हैं कि अलग प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ेगी या एक ही प्राथमिकी में इसे मिला दिया जाएगा और किन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जानी है।’’

इस बीच, केंद्र सरकार देश भर में ‘उबर’ की कैब सेवाओं पर पाबंदी लगाने पर विचार कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि गृह मंत्रालय उन सभी राज्य सरकारों और नौ केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को कंपनी पर पाबंदी लगाने के निर्देश देने पर विचार कर रहा है जहां ‘उबर’ की कैब सेवाएं उपलब्ध हैं। ‘उबर’ की कैब सेवाएं बेंगलूर, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, जयपुर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, कोलकाता और पुणे में उपलब्ध हैं।

सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को यह भी पता लगाने को कह सकती है कि क्या नियमों को ताक पर रखकर उनके अधिकार क्षेत्र में भी ऐसी कोई और ऐप आधारित टैक्सी सेवा चलाई जा रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस बाबत कल राज्यसभा में बयान दे सकते हैं। अपने बयान में वह बता सकते हैं कि ऐप आधारित कैब सेवाओं के विनियमन के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इस बीच, गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से ‘उबर’ कैब सेवा से जुड़े आठ सवाल पूछे हैं और उससे जल्द से जल्द जवाब मांगा है।

बहरहाल, गृह मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन करने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के एक कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘सरकार को आए हुए छह महीने हो गए हैं पर कुछ भी नहीं बदला। जब संप्रग सरकार थी तो वे केंद्र को जिम्मेदार ठहराते थे और अब वे खुद ही जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।’’

‘आप’ कार्यकर्ताओं के एक समूह ने उप-राज्यपाल कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया। ‘आप’ ने इस मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही और सरकार से पूछा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं। ‘आप’ के नेता आशुतोष ने ट्वीट किया, ‘‘ ‘आप’ संसद में भी ‘उबर’ बलात्कार के मुद्दे को उठाएगी।’’
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने भी गृह मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और ड्राइवर को सख्त सजा देने की मांग की।