बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग वैसे ही आते दिखाई दे रहे हैं, जैसी भविष्यवाणी एग्ज़िट पोलों में की गई थी। राष्ट्रीय राजधानी की सभी 70 सीटों के लिए 14 केंद्रों पर सुबह 8 बजे शुरू हुई मतगणना के दौरान 45 सीटों पर हासिल रुझानों के मुताबिक, 29 सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं, जबकि बीजेपी के प्रत्याशी सिर्फ 11 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।

दिल्ली पर 15 साल शासन करने वाली कांग्रेस के उम्मीदवार सिर्फ पांच सीटों पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों से आगे हैं। इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा ने एनडीटीवी से बातचीत में उम्मीद जताई है कि अधिकतर नतीजे पूर्वाह्न 11:30 बजे तक आ जाएंगे।


मतगणना के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। 70-सदस्यीय विधानसभा के लिए 673 उम्मीदवार मैदान में हैं और अब मतगणना संपन्न होने के साथ ही उनकी किस्मत का फैसला हो जाएगा। मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हुई और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है।

दिल्ली विधानसभा के लिए शनिवार को हुए मतदान में 67.14 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 70 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम 36 सीटों की जरूरत होगी। विधानसभा का यह चुनाव अत्यंत कड़ा मुकाबला साबित हुआ। यह चुनाव आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सीधी लड़ाई बन गई थी। बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री चेहरा हालांकि किरण बेदी रहीं।

इस चुनाव में कुल 673 प्रत्याशियों में महिला प्रत्याशियों की संख्या 63 है। उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी सीट पर सबसे अधिक 18 उम्मीदवार हैं, जबकि दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नगर सीट से सबसे कम चार उम्मीदवार हैं।

इससे पहले, तमाम एग्ज़िट पोलों के आंकड़ों से गदगद आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली स्थित सभी दफ्तरों में काफी चहल-पहल रही, जबकि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश मुख्यालयों में काफी कम लोगों को देखा गया।

सभी एग्ज़िट पोलों के नतीजों में ‘आप’ को बीजेपी पर निर्णायक बढ़त मिलती होने की संभावना जताई गई है। एक एग्ज़िट पोल के नतीजों में तो अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी को 70-सदस्यीय विधानसभा में 53 सीटें तक मिलने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

हालांकि बीजेपी ने एग्ज़िट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए भरोसा जताया है कि 16 साल के अंतराल के बाद एक बार फिर वह दिल्ली की सत्ता पर काबिज होगी, और पार्टी ने सोमवार को कहा कि उसे 34 से 38 सीटें हासिल होंगी।

दिसंबर, 2013 तक कांग्रेस ने दिल्ली में 15 साल शासन किया था, लेकिन एग्ज़िट पोल के नतीजों के मुताबिक उसे अधिकतम पांच सीटें मिलती दिख रही हैं।

गौरतलब है कि 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि पहली बार चुनाव में उतरी ‘आप’ को 28 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को सिर्फ आठ सीटों पर संतोष करना पड़ा था। त्रिशंकु विधानसभा के बीच ‘आप’ ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में दिल्ली जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं किए जाने के कारण 49वें दिन 14 फरवरी, 2014 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पिछले साल 17 फरवरी से यहां राष्ट्रपति शासन लागू है।