सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वंशज एवं सज्जादानशीन दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कश्मीर के पंपोर में सुरक्षा बलों पर हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ सामने आने के बाद कहा कि पाक के विरूद्घ भारत सरकार सेना को खुली कार्रवाई की छूट दे दे, जैसा कि हमने बर्मा के मामले में किया था। उन्होंने आज जारी बयान में कहा कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की यह कायराना कार्रवाई है। भारतीय सैनिकों की मौत की खबर दुखद है जो पाक के खिलाफ छद्म युद्घ लड़ रहे हैं।
उन्होंने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुऐ इसे गैर इस्लामी करार दिया। उन्होंने कहा कि कथित जिहाद के नाम पर रमजान के मुकदस एवं मुबारक महीने मे बेगुनाहों को कायरतापूर्ण तरीके से हमला करके जान माल को नुकसान पहुचाना इस्लाम के मौलिक सिद्घांतों का उलंघन है। इसलिये वैश्विक स्तर पर इस्लामिक धर्मगुरूओं को ऐसे संगठनों को इस्लाम से खारिज किये जाने की कार्यवाही की जानी चाहिये।
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उन्होंने कहा कि आतंकी हमला किसी भी देश में हो और कोई संगठन उसके लिए जिम्मेदार हो। हर घटना दुखद है और मानवता के प्रति कर अपराध है जिसकी भर्त्सना सबको करना चाहिए।