केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने शनिवार को कहा कि दानिश के सिर पर लगे चोट यह बताते हैं कि जिस भीड़ ने अखलाक पर हमला किया उसका मकसद उनकी हत्या करना नहीं था। मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमले के वक्त घर में मौजूद 17 साल की लड़की को किसी ने छुआ तक नहीं। दादरी के जिस बिसहड़ा गांव में अखलाक की भीड़ ने हत्या कर दी थी वह शर्मा के संसदीय क्षेत्र गौतमबुद्धनगर में आता है।
शर्मा ने कहा, ‘आप सबने देखा होगा कि जब भी कहीं गोहत्या का हल्ला होता है तो वहां मीडिया के लोग दौड़े चले आते हैं। यह (हत्या) उस घटना की (गोहत्या) की प्रतिक्रिया है। आपको यह भी ध्यान देना होगा कि उस घर में एक 17 साल की लड़की भी थी। किसी ने उसे अंगुली भी नहीं लगाई’।
शर्मा जो कि एक डॉक्टर भी हैं और नोएडा में एक अस्पताल चलाते हैं ने कहा, ‘जब किसी आदमी पर लाठियों से हमला होता है, तो वह बचाव में अपने हाथ को आगे रखता है, और उसके हाथों की पांच से सात ऊंगलियां टूट जाती हैं। एक डॉक्टर के तौर पर मेरा तीस साल का अनुभव है। उसके शरीर और अंगुलियों पर 10 से 15 लाठियां पड़ीं। दानिश मेरे अस्पताल में भर्ती है। उसके सिर के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से पर एक भी चोट नहीं है। लाठी के चोट के कारण उसका सिर फूटा। मार दिया होगा किसी शैतान ने। लेकिन यह बताता है कि उसकी हत्या करना मकसद नहीं था’। शर्मा प्रधानमंत्री की शुरू की गई कई योजनाओं के निरीक्षण के लिए शनिवार को वाराणसी में थे।