विशाखापत्तनम। चक्रवात हुदहुद के कारण विशाखापत्तनम में मची तबाही के बाद लोगों को दूध, पेयजल, सब्जियों और पेट्रोल जैसी जरूरी वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यहां बिजली आपूर्ति भी अब तक बहाल नहीं हो सकी है।
कुछ निवासियों ने शिकायत की है कि उन्हें पीने का पानी और दूध नहीं मिल रहा है। पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल स्टेशनों पर लोग लंबी-लंबी कतारों में इंतजार करते देखे गए।
एक निवासी ने हाथ जोड़कर गुहार लगाते हुए कहा, ‘‘कृपया विशाखापत्तनम के लोगों के लिए पीने का पानी और अन्य जरूरी वस्तुएं दे दीजिए। मैंने अब तक अपने जीवन में ऐसी बुरी स्थिति नहीं देखी है।’’
एक गुस्साए निवासी ने कहा, ‘‘पीने के पानी और दूध दोनों की ही कीमतें 20-20 रूपए है लेकिन उन्हें 50 रूपए में बेचा जा रहा है और कालाबाजारी करने वाले इस मुश्किल स्थिति का भी फायदा उठा रहे हैं।’’
विशाखापत्तनम की तस्वीर यहां आए चक्रवात के कारण मची तबाही की दास्तां कहती है। सड़कों पर जड़ों के साथ उखड़े पेड़ और उनकी शाखाएं, बिजली के खंभे और तारें आदि पड़ी हैं। बाकी के काफी मलबे को साफ किया जा चुका है। इस चक्रवात के कारण जिले में 15 मौतें हो गईं और जिले में स्थितियों के वापस सामान्य होने के लिए संघर्ष जारी है।
विशाखापत्तनम हवाईअड्डा क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां यात्री टर्मिनल उजड़ गए हैं और छत उड़ गई है।
अधिकारियों ने कहा कि मत्स्य पत्तन पर भी चक्रवात का कहर बरपा है। कई नौकाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं और डूब रही हैं।
जरूरी वस्तुओं की कमी से जुड़ी शिकायतों के बारे में आंध्रप्रदेश के मुख्यम ांी एन चंद्रबाबू नायडू से पूछा गया तो उन्हें इसे ‘कृत्रिम अभाव’ बताया।
उन्होंने विशाखापत्तनम में संवाददाताओं को बताया, ‘‘शाम तक मैं स्थिति सामान्य कर देना चाहता हूं। कल सुबह तक हर किसी के पास दूध, पानी समेत मूल जरूरत की सभी वस्तुएं होनी चाहिए।’’
चक्रवाती तूफान के कारण हुई तबाही पर उन्होंने कहा, ‘‘लोग मुश्किल में हैं, वे विपत्ति में हैं। हमारा कर्तव्य अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना है।’’
मुख्यमंत्री ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि वे जिस भी तरीके से चाहें, राहत एवं पुर्नवास कार्यों में मदद करें।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक सामाजिक जिम्मेदारी है।’’