केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सीबीआई से बड़े धोखाधड़ी के मामलों पर जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ साझा करने को कहा है ताकि धन शोधन कानून के प्रावधानों को जांच के स्तर पर ही लागू किया जा सके। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) भ्रष्टाचार के मामलों में जांच को लेकर सीबीआई के कामकाज पर निगरानी रखता है। करोड़ों रुपए के कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं और इसके मद्देनजर फैसला आया है।
अधिकारियों ने गुरुवार (25 अगस्त) को कहा कि सीवीसी ने सीबीआई से बड़े धोखाधड़ी के मामलों पर संबंधित जानकारी ईडी के साथ साझा करने को कहा है ताकि धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों को जांच के स्तर पर ही लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे जांच के स्तर पर ही धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने में मदद मिलेगी।
सूत्रों ने कहा कि ऐसे मामले रहे हैं जहां सीबीआई बाद में ईडी को शामिल करती है और कई बार महत्वपूर्ण सुराग समाप्त हो जाते हैं और आरोपियों को दंडित करने में या उनके द्वारा जिस काले धन को सफेद में बदला गया, उसका पता लगाने में देरी हो जाती है।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने संबंधित जानकारी ईडी के साथ साझा करना शुरू कर दिया है। संबंधित घटनाक्रम में 50 करोड़ रुपए से अधिक के धोखाधड़ी के मामलों को दर्ज कराने के लिए सीबीआई को सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के लिए नोडल प्राधिकार बनाया गया है।
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को बैंकों से धोखाधड़ी की शिकायत हासिल करने के लिए सीबीआई में अधिकृत किया गया है। इस तरह की रिपोर्ट मिलने के बाद अधिकारी एजेंसी के किसी प्रकोष्ठ द्वारा जांच की सिफारिश कर सकते हैं जिनमें भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ या बैंक सुरक्षा और धोखाधड़ी प्रकोष्ठ हैं।