CVC (केंद्रीय सतर्कता आयोग) ने केंद्र सरकार के सभी विभागों से कहा है कि वे अपनी-अपनी विजिलेंस यूनिट में तैनात उन कर्मियों को इधर से उधर करें जिनका पांच साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। आयोग ने कहा कि एक जगह रहेंगे तो इनके बिगड़ने का खतरा है। लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहने से उनके अपने हित उत्पन्न होने की संभावना है।
सीवीसी ने सोमवार को जारी आदेश में कहा कि सतर्कता इकाई/विभाग में नियुक्ति को पहले ही संवेदनशील स्थानांतरण के तौर पर चिह्नित किया गया है। आदेश में कहा गया है कि यह देखा गया है कि अधिकारी के लंबे समय तक ऐसे संवेदनशील पद एक ही स्थान पर होने से संभावित निजी हित उत्पन्न होने की संभावना होती है जिससे उनके खिलाफ शिकायतें ज्यादा आती हैं।
कमीशन ने केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों एवं सार्वजनिक बैंकों के मुख्य कार्यकारियों को यह आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि सतर्कता इकाई में कार्यरत कर्मचारियों का चरणबद्ध तरीके से स्थानांतरित किया जाए। उनका ट्रांसफऱ प्राथमिकता के आधार पर करें जिन्होंने अधिकतम कार्यकाल पूरा कर लिया है।
सीवीसी ने आदेश में कहा कि पहले चरण में कम से कम 10% कर्मचारियों के ट्रांसफर का काम 31 मई 2021 तक पूरा कर लिया जाए। इसके बाद यह 30 जून 2022 तक सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे सभी कर्मचारियों का सतर्कता इकाई से स्थानांतरण हो जाए जो तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर तैनात हैं।
कमीशन का मानना है कि विजिलेंस का काम सीधे तौर पर भ्रष्टाचार की रोकथाम से जुड़ा है। अगर इसके कर्मचारी ज्यादा समय तक एक जगह पर तैनात रहते हैं तो उनके खुद इस दलदल में फंसने की संभावना ज्यादा रहेगी। क्योंकि एक ही जगह पर तैनात रहने से रिश्ते बनना स्वाभाविक है। ऐसे में कर्मी निष्पक्ष होकर काम करने से कतराते हैं। इसके लिए उन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर भेजना ही एक सही कदम है।
कमीशन के मुताबिक यह प्रक्रिया तय समय पर पूरी हो जानी चाहिए। आदेश में यह भी कहा गया है कि जो कर्मी विजिलेंस से ट्रांसफर होकर दूसरे महकमों में चले गए हैं, उन्हें उसी सूरत में फिर से विजिलेंस में तैनात किया जाए जब वो अपना 3 साल का कूलिंग ऑफ पीरियड पूरा कर लें।

