केरल में वामपंथी दल कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया वेदों और उपनिषदों के सार पर सेमिनार आयोजित करने जा रही है। राज्य में सत्ताधारी गठबंधन एलडीएफ की सहयोगी पार्टी का यह तीन दिवसीय सेमिनार राज्य के कन्नूर में 25 अक्टूबर से आयोजित किया जाएगा।
इस सेमिनार का उद्देश्य हिंदु पांडुलिपियों और धर्मग्रंथों का धर्म के नाम पर गलत इस्तेमाल को रोकना है। यह कार्यक्रम में दिवगंत वामपंथी नेता एनई बलराम की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के आयोजन का दायित्व एनई बलराम मेमोरियल ट्रस्ट के पास है।
ट्रस्ट के चेयरमैन और वरिष्ठ सीपीआई नेता सीएन चंद्रन ने कहा कि भारतीय दर्शनशास्त्र दिवगंत नेता का पसंदीदा विषय था। इस कार्यक्रम में देशभर से नौ विशेषज्ञ वेद, उपनिषद्, पुराण और एपिक पर अपने पत्र पेश करेंगे। सीपीआई नेता ने कहा कि हम सांप्रदायिक ताकतों द्वारा उनके अपने हित के लिए हिंदु गंथ्रों का गलत इस्तेमाल को रोकना चाहते हैं। सेमिनार में भारतीय धर्मग्रंथों के वैज्ञानिक संदर्भों पर भी चर्चा की जाएगी।
मालूम हो कि कुछ एक वामपंथी नेता नवरात्रि पर बधाई देने को लेकर चर्चा में आए थी। धर्म को अफीम मानने वाले राजनीतिक दल सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने महानवमी, दशहरा और विजयदशी को लेकर लोगों को ट्वीट कर बधाई दी थी। इस पर लोगों ने येचुरी को ट्रोल कर दिया। दरअसल येचुरी ने अष्टमी के दिन ही नवरात्रि और दशहरा की बधाई दे दी थी। लोगों ने ट्वीट कर येचुरी को अष्टमी, नवरात्रि और दशहरा का अर्थ और इसका महत्व भी बताया।
वहीं एक यूजर ने येचुरी के ट्वीट पर हैरानी जताते हुए कहा कि इस पर स्टालिन और मार्क्स क्या कहेंगे। वहीं एक अन्य यूजर शुभम ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुझे लगता है किसी ने आपका अकाउंट हैक कर लिया है। जो लोग सीताराम येचुरी को जानते हैं कृप्या उन्हें बताएं कि यह पोस्ट उनके ट्विटर हैंडल पर अप्रसांगिक है। मालूम हो कि सीताराम येचुरी ने कुछ महीने पहले ही कहा था कि रामायण और महाभारत भी लड़ाई और हिंसा से भरे हुए हैं।

