शाजू फिलिप
कोरोना संकट के चलते किए गए लॉकडाउन और मजदूरों की हड़ताल के चलते पेप्सीको ने केरल में अपनी प्रॉडक्शन यूनिट बंद करने का फैसला किया है। इससे फ़ैक्टरी में काम करने वाले सैकड़ों मजदूरों की रोजीरोटी छिन गई है। 15 साल पहले कोक ने भी केरल में अपनी प्रॉडक्शन यूनिट को बंद कर दिया था।
पालक्काड़ में फ्रैंचाइजी वरुण बेवरेजेस लिमिटेड द्वारा संचालित पेप्सिको यूनिट ने मंगलवार को राज्य के श्रम विभाग को यूनिट बंद करने का नोटिस दिया। यूनिट मार्च के किए गए कोरोना लॉकडाउन के बाद से बंद पड़ा था। यूनिट में कर्मचारी – CITU (सीपीआई-एम), INTUC (कांग्रेस) और BMS (आरएसएस) से जुड़े हैं। कर्मचारी एक साल से लंबित वेतन वृद्धि और ठेका मजदूरों के लिए बेहतर सेवा की मांग करते हुए दिसंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रोटेस्ट 260 कांट्रैक्ट श्रमिकों ने शुरू किया था, जिसमें बाद में 110 नियमित कर्मचारी भी शामिल हो गए। जिससे यूनिट में उत्पादन प्रभावित हो गया। इसके बाद, प्रबंधन ने 22 मार्च से लॉकडाउन घोषित कर दिया। यह यूनिट 2001 में औद्योगिक बेल्ट कांजीकोड में स्थापित की गई थी। यह पेप्सी ब्रांड के तहत पीने के पानी और कोल्ड ड्रिंक पर काम करती थी।
मार्च 2019 में, पेप्सीको ने अपने बॉटलिंग पार्टनर वरुण बेवरेज्स को प्लांट सौंप दिया था। पेप्सीको ने लाभ की मांग को लेकर मजदूरों की हड़ताल और कांट्रैक्ट मजदूरों की बढ़ोतरी के चलते ऐसा किया था। फ्रैंचाइज़ी को सौंपे जाने से पहले भी प्लांट कुछ समय के लिए बंद किया गया था। तब श्रमिकों के साथ एक समझौते पर पहुंचने के बाद उत्पादन फिर से शुरू हुआ था।
प्रबंधन के सूत्रों ने कहा कि इस साल फरवरी में हड़ताल से हुए नुकसान के कारण उन्हें लॉकडाउन करना पड़ा था। उन्होंने कहा “हालांकि पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई थी, इसके बावजूद, ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई थी।”