कोरोना को लेकर महामारी जैसी घोषणाएं हो रही हैं और वैश्विक स्तर पर एहतियात बरतने की अपील की जा रही है। लेकिन दूसरी ओर चिकित्सा संस्थानों में ही इस पर अमल नहीं हो रहा है। अस्पतालों को संक्रमणरहित करने में कोताही के साथ ही, साफ-सफाई में लचर रवैया तो दिख ही रहा है सामूहिक कार्यक्रम से भी परहेज नहीं किया जा रहा है।

देश के सबसे नामी संस्थान में भी कोरोना को लेकर गंभीर एहतियात की कमी नजर आई। एम्स के नेत्र चिकित्सालय राजेंद्र प्रसाद नेत्र चिकित्सा केंद्र (आरपी सेंटर) का शनिवार को स्थापना दिवस था। इस मौके पर संस्थान को नेत्र चिकित्सा से जुड़ी रपट जारी करनी थी। इस बाबत संवाददाता सम्मेलन रखा गया था, लेकिन कोरोना के मद्देनजर यह प्रेस कॉन्फे्रेंस रद्द कर दी गई लेकिन समारोह चलता रहा। सफदरजंग अस्पताल में स्वास्थ्य इमरजंसी घोषित कर सम्मेलन व सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) तो रद्द कर दी गई है लेकिन दूसरे जरूरी एहतियात की कमी है। इसी तरह मरीजों के बैठने की जगह लिफ्ट या सीढ़ियों की लागातार सफाई भी नहीं हो रही। यहां काम कर रहे एक सफाईकर्मी ने बताया कि सुबह व शाम को सफाई हो रही है। शनिवार को फर्श की धुलाई होती है।

सफदरजंग अस्पताल में जहां सबसे अधिक कोरोना मरीज है वहां भी साफ-सफाई में मुस्तैदी का अभाव है। यहां मरीजों के प्रतीक्षा कक्ष में या ओपीडी में लगी कुर्सियों पर जितनी सफाई होनी चाहिए वह अभी भी नहीं दिखाई दे रही है। कहीं-कहीं दवा का छिड़काव तो हो रहा है लेकिन कुर्सियां, बेंच व स्ट्रेचर व व्हीलचेयर की सफाई में कोताही है। छिड़काव के अलावा सैनिटाइजर से रेलिंग वगैरह पोछने का काम सुपरस्पेशियलिटी सेंटर में ही हो रहा है बाकी जगह पर ऐसा नहीं दिखा।

यही हाल एलएनजेपी व जीटीबी का भी है। कुछ अस्पतालों में मरीजों के जाने के बाद कार्यक्रम रखा गया। एलएनजेपी अस्पता के एक चिकित्सक ने कहा कि यहां बुखार व जुकाम के मरीजों का आना जारी है। इसलिए ओपीडी के दौरान हम कह नहीं सकते कि परिसर सुरक्षित है। इसलिए हम मरीजों से ही कर रहे हैं कि जुकाम या बुखार है तो मास्क पहनकर रखें। जीटीबी के चिकित्सकों ने कहा कि उन सभी क ो पर्याप्त मास्क नहीं मिल पा रहे हैं। मंगाने को कहा गया है।

समारोह में आए 500 लोग
आरपी सेंटर में संवाददाता सम्मेलन को तो रद्द कर दिया गया। उसमें 20 से 25 लोग आने थे। लेकिन डॉक्टरों के स्थापना दिवस समारोह का कार्यक्रम रद्द नहीं किया गया जिसमें करीब 500 लोग जमा हुए। कार्यक्रम बंद हाल में किया गया। इस दौरान न तो हॉल की कुर्सियों को संक्रमण मुक्त किया गया था न ही हाथ मिलाने को लेकर परहेज दिखाई पड़ा। इतना ही नहीं समारोह में मुख्य कार्यक्रम के बाद लोगों को कार्यक्रम पूरा होने तक ठहरने आग्रह भी किया गया।