कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन का मॉडल ‘पूरी तरह नकारात्मक गाथा’ नहीं है। उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना और हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है। रमेश ने बुधवार को कहा कि यह वक्त है कि हम मोदी के काम और 2014 से 2019 के बीच उन्होंने जो किया, उसके महत्व को समझें, जिसके कारण वह सत्ता में लौटे। उनके काम की वजह से ही 30 प्रतिशत मतदाताओं ने सत्ता में उनकी वापसी कराई है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 37.4 प्रतिशत वोट मिले, जबकि सत्तारूढ़ एनडीए को कुल मिलाकर 45 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे।

किताब के विमोचन के दौरान बोले जयराम रमेश: कांग्रेस नेता ने राजनीतिक विश्लेषक कपिल सतीश कोमीरेड्डी की किताब ‘मालेवॉलेंट रिपब्लिक : ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द न्यू इंडिया’ का विमोचन करते हुए पीएम मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ऐसी भाषा में बात करते हैं, जो उन्हें लोगों से जोड़ती है। जब तक हम यह न मान लें कि वह ऐसे काम कर रहे हैं, जिन्हें जनता सराह रही है और जो पहले नहीं किए गए, तब तक हम इस व्यक्ति का मुकाबला नहीं कर पाएंगे।’’

जयराम ने बताया मोदी से जीतने का रास्ता: जयराम रमेश ने कांग्रेस के साथ-साथ विपक्षी नेताओं को पीएम मोदी से जीतने का रास्ता बताया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करने जा रहे हैं तो आप उनका मुकाबला नहीं कर पाएंगे।’’ मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय संभालने वाले रमेश ने स्पष्ट किया कि वह किसी से प्रधानमंत्री की सराहना या तारीफ करने के लिए नहीं कह रहे हैं। वह चाहते हैं कि राजनीतिक वर्ग कम से कम उन बातों को माने, जो मोदी शासन में लेकर आए। खासतौर से ‘शासन के अर्थशास्त्र’ के संदर्भ में।

पीएम मोदी की योजनाओं का जिक्र भी किया: कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं आपको बता दूं कि जब शासन के अर्थशास्त्र की बात आती है तो यह पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है। शासन की राजनीति पूरी तरह अलग है।’’ मोदी के शासन मॉडल से जिस प्रकार के सामाजिक संबंध सृजित हुए हैं, वे भी पूर्णत: भिन्न हैं। अपनी बात को साबित करने के लिए रमेश ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूजे) का उदाहरण दिया। कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘साल 2019 में राजनीतिक विमर्श में हम सभी ने उनकी एक या दो योजनाओं का मजाक उड़ाया, लेकिन सभी चुनावी अध्ययनों में यह सामने आया कि पीएमयूजे अकेली ऐसी योजना रही, जो उन्हें करोड़ों महिलाओं से जोड़ पाई। इसने उन्हें ऐसा राजनीतिक खिंचाव दिया, जो उनके पास 2014 में नहीं था।’’

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गलत चीज के लिए मोदी को जिम्मेदार नहीं मानती जनता: जयराम रमेश ने कहा, ‘‘पिछले दशक में ऐसा कुछ हुआ, जिसने मोदी को 2009 के आम चुनाव में ‘‘राष्ट्रीय राजनीति में एक मामूली नेता’’ से ऐसा व्यक्ति बना दिया, जिसने लगातार चुनाव जीते। देश की जनता मौजूदा हालात को उनकी मौजूदगी से जोड़कर नहीं देख रही है। अब चाहे यह सही हो या गलत। हमने अपने पूरे अभियान के दौरान किसानों की हालत के बारे में बात की, लोगों ने माना कि किसान संकट में है, लेकिन उन्होंने इसके लिए मोदी को जिम्मेदार नहीं ठहराया। आपको समझना पड़ेगा कि वह कैसे इतने सम्माननीय बने।’’