कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के वैचारिक प्रमुख और मुख्य प्रवक्ता वेणुगोपाल राव उर्फ ​​सोनू (70) ने एक और पत्र जारी किया है। सोनू ने पत्र में लिखा है कि पार्टी को बचाने के लिए “सशस्त्र संघर्ष को रोकने” का वक्त आ गया है।” सोनू ने इस पत्र के साथ अपनी एकदम ताजा फोटो भी भेजी है।

इससे पहले 15 अगस्त को सोनू ने एक पत्र लिखा था जिसे 12 सितंबर को आम लोगों के बीच जारी किया गया।

सोनू के पहले पत्र की पार्टी के भीतर काफी आलोचना हुई थी। पार्टी की केंद्रीय समिति (CC) और तेलंगाना राज्य समिति ने सोनू के प्रस्ताव का विरोध किया था और उन्हें ‘गद्दार’ तक कहा था। इससे यह सामने आया था कि माओवादियों के बीच आत्मसमर्पण करने या न करने को लेकर फूट पड़ चुकी है।

मुठभेड़ दर मुठभेड़, माओवादी सेंट्रल पैनल में बचे हैं केवल 10 सदस्य

सशस्त्र संघर्ष को जारी रखने की वकालत

सोनू का यह नया पत्र तेलंगाना राज्य समिति के प्रवक्ता जगन को दिया गया जवाब है। जगन ने सोनू का पहला पत्र सामने आने के बाद 19 सितंबर को एक पत्र लिखा था और इसमें सशस्त्र संघर्ष को जारी रखने की वकालत की गई थी।

तेलंगाना के खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “सोनू का दावा है कि उनके पास पार्टी के भीतर मजबूत समर्थन है और यह भी पता चलता है कि पार्टी में दरार पड़ चुकी है। माओवादियों का एक वर्ग मुख्य धारा में शामिल होना चाहता है।”

इस पत्र में सोनू ने उन सभी घटनाओं की टाइमलाइन भी दी है जिसमें सशस्त्र संघर्ष को खत्म करने का फैसला किया गया। सोनू ने कहा, “अस्थाई रूप से युद्ध विराम और हथियार छोड़ना ही पार्टी के पास एकमात्र रास्ता है क्योंकि ना तो शांति वार्ता कोई विकल्प है ना ही आत्मसमर्पण करना।”

माओवादी पार्टी में पड़ी फूट? सरेंडर करने को लेकर पशोपेश में दो नेता

सोनू ने मांगी माफी

सोनू ने कहा है, “सशस्त्र संघर्ष बंद करने का बयान जारी करते हुए वह उन सभी लोगों से माफी मांगते हैं जिन्होंने लंबे वक्त तक माओवादी पार्टी की सेवा की।” सोनू ने कहा है कि लिए हम सब बदले हुए हालात के मुताबिक खुद को बदलें, जनता के बीच जाएं और अपने जनाधार को मजबूत करें।”

‘माओवादी करना चाहते हैं आत्मसमर्पण’