पाकिस्तान के हिंदू प्रवासियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब जिलाधिकारी भी इन लोगों को नागरिकता की इजाजत दे सकेंगे। इसकी बहुत समय से मांग की जा रही थी। जयपुर, जोधपुर और जैसलमेर में नागरिकता के योग्य पाकिस्तानी नागरिकों को जिलाधिकारी नागरिकता की इजाजत देंगे।  इसके अलावा गरीब प्रवासियों के लिए नागरिकता आवेदन पत्र की फीस भी 100 रुपये कर दी गई है।

समाजसेवी संस्था सीमांत लोक संगठन इन प्रवासियों के हक के लिए आवाज उठा रहा था। इसके चेयरमैन हिंदू सिंह सोढा ने टाइम्स अॉफ इंडिया से बातचीत में कहा कि यह फैसला प्रवासी लोगों के लिए बड़ी राहत है और इससे नागरिकता पाने में तेजी आएगी। सोढा ने कहा कि हम बहुत समय से नागरिकता देने का अधिकार जिलाधिकारियों के पास होने और आवेदन की फीस 100 रुपये करने की मांग कर रहे थे। आज हमें खुशी है कि गृह मंत्रालय के साथ लंबी दौर की बैठकों के बाद हमारी मांगों को मान लिया गया।

राजस्थान के अलावा, नागरिकता देने का अधिकार छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, वेस्ट और साउथ दिल्ली के जिलाधिकारियों को दिया गया है। राजस्थान में सिर्फ जयपुर, जोधपुर और जैसलमेर के जिलाधिकारियों के पास ही यह अधिकार होगा। जोधपुर और जैसलमेर में सबसे ज्यादा प्रवासी रहते हैं।

सोढा ने अब जब राजस्थान के तीन जिलाधिकारियों को यह अधिकार दे दिया गया है हम राज्य सरकार से बातचीत कर एक सिस्टम बनाने को कहेंगे ताकि बाकी जिलों में रह रहे प्रवासियों को भी फायदा पहुंचे। 30 सांसदों की जॉइंट पार्लियामेंट कमिटी और राज्य व केंद्र के अधिकारियों के जोधपुर दौरे के महज एक हफ्ते में ही एक फैसला आया है। सोढा ने कहा कि अब हम इस फैसले को लागू कराने पर ध्यान देंगे, जिसमें कहा गया कि प्रवासी बैंक अकाउंट, ड्राइविंग लाइसेंस और प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले जून में जैसलमेर के मोहनगढ़ इलाके के कुछ अराजक तत्वों ने पाकिस्तानी-हिंदुओं को भारतीय नागरिकता देने के नियमों में छूट दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार से नाराजगी जताई थी। उन्होंने पाकिस्तानी हिंदुओं की झोपड़ियां भी जला दी थीं। वहीं, न्याय की मांग करते हुए पाकिस्तानी हिंदुओं ने एक जुलूस और जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपकर बताया था कि कुछ प्रभावशाली लोग उन्हें जबर्दस्ती वहां से खदेड़ने की कोशिश कर रहे हैं।