इंसानों की जानवरों के साथ बर्बरता दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। पिछले कई दिनों में ऐसी कई खबरें सामने आई हैं जहां इंसानों ने जानवरों के साथ जनवारों से भी बुरा बर्ताव किया है। इसी तरह का एक नया वाक्या तमिलनाडु के शहर वेल्लोर से जुड़ा है। यहां के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले चार छात्रों ने एक बदंरिया के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दी। आरोप है कि मेडिकल कॉलेज के इन छात्रों के कमरे में शनिवार को एक बदंरिया आ गई। बाद में उन्होंने इसे कम्बल डालकर पकड़ लिया। इसके बाद छात्रों ने टेलिफोन वायर से उसके हाथ पैर बांधे और उसकी बेरहमी से पिटाई की। बंदरिया को इस हद तक मारा कि वो मर गई बाद में उसे हास्टल के मैस के पीछे जला कर दफना दिया। ये मामला तब खुला जब मुंबई में रहने वाले एक पशु आधिकार कार्यकर्ता मीत अजहर को इस बारे में सूचित किया गया। बाद में अजहर चेन्नई के पशु एक्टिविस्ट दिनेश बाबा, निशांत निचू, श्रवण कृष्णन और पुलिस को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इसके बाद पुलिस की मदद से बंदरिया का शव खोद के निकाला गया।

पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों से प्राप्त सूचना के अनुसार श्रवण ने कहा कि, ” बंदरियां आरोपी हॉस्टल रूम में दोपहर के समय कहीं से आ गई। जिसे छात्रों ने पकड़ लिया। इस बंदरिया की उम्र सिर्फ 1 साल के आस पास होगी। इसके बाद छात्रों ने बंदरिया के पैर हाथ और गर्दन बांध दी और उसे हॉस्टल की छत पर ले गए। फिर उन्होंने एक धारधार हथियार से बंदरिया की पीठ पर घोप दिया। छात्रों ने बंदरिया को इतना पीटा की उसकी तांगों की हड्डी और जबड़ा तक टूट गया। इसके बाद छात्रों नें बंदरिया के गुप्तांग में रॉड तक डाल दी। इस बेहरमी के लिए छात्रों के खिलाफ आईपीसी की धारा 429 और वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के अनुसार मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में पांच छात्रों को पूछताछ के लिए स्टेशन भी ले गई है। कॉलेज ने भी चारों संदिग्ध छात्रों को कॉलेज से निष्कासित कर दिया है। आपको बता दें कि श्रवण कृष्णन वहीं हैं, जिन्होंने कुछ दिनों पहले एक कुत्ते को छत से फेंके जाने के मामले को मीडिया के सामने लाए थे और उस कुत्ते का इलाज करवाया था। ये और इनकी टीम जानवरों की रक्षा के लिए काम करती है।