नॉर्थ गोवा के अरपोरा में एक नाइट क्लब में लगी भीषण आग की वजह से 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। शुरुआती जांच में पता चला है कि ज्यादातर पीड़ितों की मौत सफोकेशन की वजह से हुई। आग सबसे पहले क्लब के पहले फ्लोर पर लगी थी और देखते ही देखते पूरी बिल्डिंग इसकी चपेट में आ गई।

चश्मदीदों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि आग से ठीक पहले क्लब मैनेमेंट ने कुछ पटाखे छोड़े थे। पहचान उजागर ना करने की शर्त पर एक चश्मदीद ने कहा कि करीब रात में साढ़े 11 बजे स्टेज पर बेली डांस की परफॉर्मेंस चल रही थी, तब क्लब मैनेजमेंट ने कुछ पटाखे छोड़े थे। वे पटाखे बांस, फाइबर और घास जैसी सामग्री के संपर्क में आ गए, जिनका इस्तेमाल सजावट के लिए किया गया था। इसके चलते छत पर चिंगारियां और धुआं उठने लगा और कुछ ही मिनटों में वहां भीषण आग लग गई।

एक दूसरी चश्मदीद ने कहा कि पूरा अंधेरा हो गया था। बहुत ज्यादा धुआं था और लोग किसी तरह बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। वहां धक्का-मुक्की हो रही थी। मुझे कुछ धमाकों की आवाजें भी सुनाई दीं। मुझे डर था कि कहीं भगदड़ न मच जाए।

बताया जा रहा है कि नाइट क्लब के बेसमेंट में रसोई थी, जहां से दो सीढ़ियां पहले फ्लोर की तरफ जाती थीं। पहले फ्लोर का निकास द्वार भी दो दिशाओं में एक संकरे पुल की तरफ खुलता था, जिससे बाहर निकलने की जगह बेहद सीमित हो गई।

इस अग्निकांड में जान गंवाने वाले 25 लोगों में से 14 लोग क्लब के स्टाफ मेंबर थे। चूंकि किचन बेसमेंट में थी और वहां वेंटिलेशन बेहद कम था, इसलिए जब आग लगी तो कई लोग सांस नहीं ले पाए और उनकी मौत हो गई।

अग्निकांड के तुरंत बाद पुलिस को बताया गया कि दुर्घटना सिलेंडर ब्लास्ट की वजह से हुई है। लेकिन पहचान गुप्त रखने की शर्त पर एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि घायलों पर जो जख्म दिखाई दे रहे हैं, वे सिलेंडर ब्लास्ट के नहीं लगते। फिलहाल मृतकों में से सात लोगों की पहचान बाकी है, जबकि छह अन्य लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

घटना के बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी स्थल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि नाइट क्लब फायर सेफ्टी के नियमों का सही तरीके से पालन नहीं कर रहा था। ऐसे में मैनेजमेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन अधिकारियों पर भी एक्शन होगा जिन्होंने लापरवाही बरती और क्लब के खिलाफ समय रहते कदम नहीं उठाए।

फायर सेफ्टी को लेकर डीजीपी आलोक कुमार का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि आग की असल वजह अभी स्पष्ट नहीं है। यह जांचा जा रहा है कि क्लब में फायर सेफ्टी नियमों का पालन कैसे किया जा रहा था और क्या क्लब के पास जरूरी एनओसी थी या नहीं।

जांच का एक पहलू यह भी है कि क्या आग किसी स्पार्कल गन की वजह से लगी, जिसे आमतौर पर पार्टी के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। क्लब के सिक्योरिटी गार्ड गोविंद जायसवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उसने “तीन–चार आवाजें” सुनीं, लोग चिल्ला रहे थे और सभी गेट की तरफ भागने लगे थे।

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