उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू यहां की अपनी यात्रा बीच में ही समाप्त कर आज दोपहर नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उनके कार्यक्रम में बदलाव इसलिए मायने रखता है कि कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी पार्टियों ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राज्यसभा में महाभियोग का नोटिस दिया है। दरअसल, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि यात्रा कार्यक्रम में अचानक किए गए बदलाव के लिए कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है। एक सूत्र ने पीटीआई भाषा को बताया, “उपराष्ट्रपति के कल टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल साइंस के दीक्षांत समारोह में भाग लेने का कार्यक्रम था। उनके 24 अप्रैल को स्वर्ण भारत ट्रस्ट जाने और फिर नयी दिल्ली रवाना होने का कार्यक्रम था। लेकिन वह आज दोपहर लौट गए।”
नायडू कल तेलंगाना की राजधानी पहुंचे थे और आज सुबह उन्होंने इस्कॉन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया।उन्होंने कल शाम एक निजी शैक्षणिक संस्थान के समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया।
महाभियोग का नोटिस खारिज होने पर न्यायालय का रुख कर सकती है कांग्रेस: 22 अप्रैल को कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि अगर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ दिए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ठुकराते हैं तो पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकती है। पार्टी के एक नेता ने कहा, “सभापति के फैसले को चुनौती दी जा सकती है। इसकी न्यायिक समीक्षा हो सकती है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस उम्मीद के साथ प्रधान न्यायाधीश पर नैतिक दबाव बना रही है कि महाभियोग प्रस्ताव पेश किए जाने पर वह अपने न्यायिक उत्तरदायित्व से अलग हो जाएंगे। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि पहले भी महाभियोग का सामना करने वाले न्यायाधीश न्यायिक कार्य से अलग हुए थे और प्रधान न्यायाधीश को भी यही करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ परिपाटी है, इसके लिए कोई कानूनी या संवैधानिक बाध्यता नहीं है।” कांग्रेस को उम्मीद है कि महाभियोग प्रस्ताव के संदर्भ में जल्द फैसला होगा। उधर, संसद में एक अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि नोटिस को स्वीकार किए जाने से पहले इसकी बातों को सार्वजनिक करने से संसदीय नियमों का उल्लंघन हुआ है। गौरतलब है कि गत शुक्रवार को कांग्रेस और छह अन्य विपक्षी दलों ने देश के प्रधान न्यायाधीश पर ‘कदाचार’ और ‘पद के दुरुपयोग’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था। महाभियोग प्रस्ताव पर कुल 71 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें सात सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं। महाभियोग के नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, बसपा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य शामिल हैं।