सरकार ने आइएएस और आइपीएस अधिकारियों के चयन के लिए होने वाली प्रशासिनक सेवा परीक्षा में आयु में छूट, योग्यता, पाठ्यक्रम और पद्धति जैसे विभिन्न मुद्दों की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा, ‘प्रशासनिक सेवा परीक्षा के सभी पहलुओं पर विचार के लिए समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रशासनिक सेवा परीक्षा पद्धति में आगे के बदलावों पर विचार किया जाएगा। इसमें प्रमुख लक्ष्य यही रहेगा कि गणित, इंजीनियरिंग, मेडिसिन, कला आदि विभिन्न विषय के उम्मीदवारों को समान अवसर मुहैया कराए जा सकें’।

मंत्री ने कहा कि जब तक समिति की सिफारिशें प्राप्त नहीं हो जाती और उसके बाद सरकार उस पर फैसला नहीं कर लेती है, सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र द्वितीय (इसे सीसैट के नाम से भी जाना जाता है) क्वालिफाइंग पेपर मात्र बना रहेगा। इसे पास करने के लिए न्यूनतम अंक 33 फीसद बने रहेंगे।

उन्होंने बताया कि सरकार ने सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र द्वितीय में पिछले साल 22 अंकों वाले अंग्रेजी अंश को हटाने का फैसला किया था। यह फैसला इस साल भी लागू रहेगा। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार ने इस साल मई में इस तरह की समिति गठित करने का फैसला किया था और यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है। अधिकारियों ने बताया कि समिति का नेतृत्व छत्तीसगढ़ काडर के आइएएस अधिकारी बीएस बसवान करेंगे। इसमें प्रमुख शिक्षाविद्, तकनीकीविद्, वरिष्ठ नौकरशाह आदि सदस्य होंगे।