भारत को मिसाइल टेक्नालॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) की सदस्यता मिलने के बाद चीन बौखला गया है। अपनी इस निराशा को बयां करने के लिए चीन के प्रमुख अखबार ने भारत के लिए बुरा-भला लिखा है। ग्लोबल टाइम्स के आर्टिकल में भारत को आत्म-केन्द्रित, आत्मतुष्ट और नैतिकता की कमी वाला देश बताया गया है। लेख में भारत को पश्चिमी देश जिसमें यूएस, फ्रांस, कनाडा भी शामिल हैं उनकी ‘चमचागिरी’ करने वाला भी कहा गया है। लिखा गया है पश्चिमी देशों का पीछा करते-करते भारत खराब हो गया है।

लेख के मुताबिक, भारत को राष्ट्रवाद की समझ नहीं है और उसे यह चीन से सीखना चाहिए। NSG के मुद्दे पर भी लेख में बात की गई है। इसमें लिखा गया है कि भारत को NSG में सदस्ता ना मिलने के पीछे चीन को जिम्मेदार बताया जा रहा था जो गलत है। इसमें लिखा गया है कि भारत को 47 में से 37 देशों को समर्थन मिला था और 10 देश उसके खिलाफ थे जबकि भारत की मीडिया में सिर्फ चीन को सदस्यता ना मिलने का कारण बताया गया।

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NSG में अमेरिका ने भारत का समर्थन किया था। लेख में इस बात का भी जिक्र है। लिखा गया है, ‘भारत के बड़े सपने को अमेरिका समर्थन दे रहा है, अमेरिका का मतलब पूरी दुनिया नहीं है। भारत इस बात को ही नहीं समझना चाहता।’

इसके साथ ही लिखा गया है कि अमेरिका भारत के लिए ऐसी ही विदेश नीति बनाता है जिसका प्रभाव चीन पर भी पड़े। चीन ने अपने आपको ‘नियम मानने वाला’ बताते हुए लिखा है कि भारत को NSG में शामिल होने के लिए NPT पर साइन करने ही चाहिए।

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लेख में लिखा गया है, ‘कुछ सालों से पश्चिम के देश भारत के साथ घुल-मिल रहे हैं और चीन से दूरियां बना रहे हैं। यह सिर्फ भारत की चापलूसी की वजह से है।’ हालांकि, लेख में भारत की सरकार को ठीक बताया गया है। लिखा है, ‘भारत के बाकी लोगों के मुकाबले भारत की सरकार बड़े ही अच्छे तरीके से काम करती है और बातचीत को तैयार भी रहती है।’

हालांकि, लेख में चीन ने अपनी बुराई नहीं की है। लेख में इस बात का जिक्र बिल्कुल भी नहीं किया गया है कि उसके परमाणु प्रसार के चलते MTCR में भेजी गई उसकी एप्लीकेशन को 2008 में ही रिजेक्ट कर दिया गया था।