भारत में चीनी निवेश वाले ऑनलाइन ग्रोसरी प्लेटफॉर्म बिग बास्केट पर साइबर अटैक की खबर है। दरअसल बिग बास्केट के करीब दो करोड़ ग्राहकों का डाटा लीक हो गया है और अब यह डाटा डार्कवेब पर बेचा जा रहा है। अमेरिका स्थित साइबर सिक्योरिटी इंटेलीजेंस फर्म साइबल इंक ने यह जानकारी दी है। साइबल के ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, जो डाटा लीक हुआ है, उसमें ग्राहकों के नाम, ईमेल आई़डी, पासवर्ड, पिन, कॉन्टैक्ट नंबर, पता, जन्मतिथि, आईपी एड्रेस और लोकेशन आदि की पूरी जानकारी है।

बेंगलुरू बेस्ड कंपनी बिग बास्केट ने इस संबंध में शहर की साइबर क्राइम सेल में शिकायत भी दर्ज करायी है। फिलहाल कंपनी डाटा लीक होने के दावे की जांच और विश्लेषण में जुटी है। कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि हमारे ग्राहकों की निजता और गोपनीयता हमारी प्राथमिकता है। हम ग्राहकों का फाइनेंशियल डाटा स्टोर नहीं करते हैं, जिनमें क्रेडिट कार्ड नंबर्स आदि शामिल हैं। हमें विश्वास है कि ग्राहकों का फाइनेंशियल डाटा सिक्योर है।

साइबल ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक बिग बास्केट के ग्राहकों के डाटा की चोरी 14 अक्टूबर को हुई थी और कंपनी मैनेजमेंट को एक नवंबर को इस बारे में सूचित किया गया था।

साइबल ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक बिग बास्केट के ग्राहकों का डाटा डार्कवेब पर 40 हजार डॉलर में बेचा जा रहा है। आईबीएम की एक रिपोर्ट के अनुसार, डाटा लीक होने की तीन मुख्य वजह होती हैं। पहली वजह मानवीय गलती है, जिसमें ग्राहक ही अपनी गलती या लापरवाही के चलते हैकर्स के निशाने पर आ जाते हैं। दूसरी वजह सिस्टम की कमजोरी है, जिसके चलते डाटा लीक होने की आशंका रहती है। तीसरी वजह है कि हैकर्स का साइबर अटैक। डाटा लीक की अधिकतर घटनाएं साइबर अटैक के चलते ही होती हैं।

बता दें कि बिग बास्केट में चीन की कंपनी अलीबाबा, मिराय एसेट-नेवर एशिया ग्रोथ फंड और ब्रिटिश सरकार के CDC ग्रुप ने भी फंडिंग की है। हाल ही में बिग बास्केट कुछ और निवेशकों के साथ फंडिंग को लेकर बातचीत कर रही थी। बिग बास्केट 350-400 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाने की कोशिशों में लगी है। इसके लिए कंपनी सिंगापुर सरकार के टीमासेक, अमेरिका बेस्ड फिडेलिटी और टाइबोर्न कैपिटल के साथ फंडिंग की बात कर रही है।