Kedarnath Temple Reel Ban, Chardham Yatra 2024 Reels Ban: चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। 10 मई को केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए थे। वहीं 12 मार्च को बदरीनाथ के कपाट खोले गए। इसके बाद से लगातार भारी संख्या में भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए उमड़ पड़ी है। इसी बीच, चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए वीआईपी दर्शन पर लगी रोक को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है।

सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मैं यह बताना चाहूंगी कि इस साल उत्तराखंड में पवित्र चार धाम के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। व्यवस्था को बेहतर और ठीक तरीके से चलाए रखने के लिए हमने 31 मई 2024 तक कोई भी वीआईपी दर्शन नहीं कराने का फैसला किया है। यह इसलिए किया गया है ताकि सभी भक्त आसानी से चारों धामों की यात्रा कर सकें।

दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने कहा कि धामों में दर्शन को आसानी से कराने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को शुरू किया गया है। सभी भक्तों के लिए रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि चारधाम में उन्हीं भक्तों को दर्शन करने की इजाजत दी जाएगी जिन्होंने पहले से ही रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। इसमें यह भी कहा गया है कि पहले किसी बीमारी से ग्रसित लोगों और बुजुर्ग लोगों को अपनी यात्रा शुरू करने से पहले अपनी मेडिकल जांच करानी चाहिए।

सोशल मीडिया के लिए रील्स बनाने पर लगा बैन

चारधाम मंदिर के 50 मीटर के दायरे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस के लिए रील बनाने, वीडियोग्राफी करने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। पर्यटन सचिव और गढ़वाल डिवीजन के कमिश्नर, डीएम तथा एसपी को भी इस बाबत आदेश भेज दिए गए हैं। ऐसे में अगर भक्त या यात्री अगर चारधाम मंदिर के 50 मीटर के दायरे में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और रील्स बनाते हुए नजर आते हैं तो उनके खिलाफ प्रशासन के द्वारा सख्त एक्शन लिया जाएगा।

मौजूदा चारधाम यात्रा के लिए देश-विदेश से 26 लाख से ज्याद भक्तों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई। चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्व रखती है। यह यात्रा आम तौर पर अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक होती है।