भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बताया है कि उसका चंद्र मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। 14 जुलाई को दिन में 2:35 बजे इसे लॉन्च किया। इसरो का नया हेवीलिफ्ट लॉन्च वाहन LVM-3 मून मिशन को अंजाम देगा।
चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का दूसरा रूप है इसका एक ही उद्देश्य है कि चंद्रमा की सतह पर एक लैंडर और एक रोवर पहुंचाकर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की क्षमता प्रदर्शित करना है। चंद्रयान-2 मिशन 6 सितंबर 2019 को समाप्त हो गया था। अब तक केवल तीन देश चंद्रमा पर उतरने में कामयाब रहे हैं। इसमें अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन शामिल है।
सबसे शक्तिशाली रॉकेट से किया जायेगा लॉन्च
LVM-3 या लॉन्च व्हीकल मार्क-III इसरो द्वारा विकसित एक Three-stage medium-lift launch vehicle है और पहले इसे GSLV मार्क III के नाम से जाना जाता था। यह अंतरिक्ष एजेंसी का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है और इसका उपयोग चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च करने के लिए किया जाएगा। ये वाहन 43.5 मीटर लंबा है और इसका व्यास (Diameter) 4 मीटर है। यह पृथ्वी की निचली कक्षा में 8,000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है। इससे भी आगे बढ़ते हुए, यह लगभग 4,000 किलोग्राम पेलोड को Geostationary transfer Orbit में ले जाने में सक्षम है।
इसका क्रायोजेनिक अपर स्टेज CE-20 द्वारा संचालित है, जो इसरो के अनुसार भारत का सबसे बड़ा क्रायोजेनिक्स इंजन है। टेकऑफ़ के लिए आवश्यक जोर प्रदान करने के लिए यह दो S200 रॉकेट बूस्टर का भी उपयोग करता है। मुख्य चरण दो L110 लिक्विड स्टेज विकास रॉकेट द्वारा संचालित है।
कब और कैसे देखें लाइव?
LVM3-M4 और चंद्रयान-3 का परीक्षण पूरा हो गया है। जो लोग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च को लाइव देखना चाहते हैं, वे ivg.shar.gov.in / पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
बता दें कि चंद्रयान मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं। इस मिशन में एल्गोरिदम को और बेहतर किया गया है। चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग साइट को ‘Dark Side Of Moon’ कहा जाता है क्योंकि यह हिस्सा पृथ्वी के सामने नहीं आता।
