केंद्र ने त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़बंदी का काम अगले वर्ष मार्च तक पूरा कर लेने का निर्देश दिया है। यह निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय में सचिव (सीमा प्रबंधन) सुशील कुमार ने त्रिपुरा सेक्टर में बाड़ लगाने के काम में लगी एजेंसियों को दिया है। यह आदेश तब दिया गया है जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ सप्ताह पहले कहा था कि असम में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़बंदी का कार्य जून 2017 तक पूरा कर लिया जाए। असम और त्रिपुरा के लिए घुसपैठ और तस्करी प्रमुख समस्याएं हैं।
कुमार ने रविवार (26 जून) को पूर्वोत्तर राज्य के दौरे के दौरान राज्य, बीएसएफ और निर्माण एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी ताकि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत शुरू किये गए कार्यों के साथ अन्य कार्यों की भी समीक्षा की जा सके। गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सचिव ने सभी एजेंसियों को बाड़बंदी का काम मार्च 2017 तक पूरा कर लेने का निर्देश दिया है।
बांग्लादेश के साथ भारत की 4096 किलोमीटर लंबी सीमा में से 856 किलोमीटर सीमा त्रिपुरा में पड़ती है। कुमार ने साथ ही कहा कि सीमा पर रहने वाली जनसंख्या को बाड़बंदी के अपनी ओर स्थानांतरित करने के मुद्दे का राज्य सरकार एवं बीएसएफ द्वारा लोगों को रचनात्मक रूप से शामिल करके सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान किया जाना चाहिए। सचिव ने साथ ही त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक सरकार के साथ मुलाकात की और उनके साथ सीमा बाड़बंदी कार्य एवं सीमा प्रबंधन संबंधी कार्य की प्रगति से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
कुमार ने सीमा क्षेत्रों में शुरू किए गए कार्य की प्रगति पर संतोष जताया। उन्होंने यद्यपि कहा कि राज्य के सबसे महत्वपूर्ण पूर्वी क्षेत्र में नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनपीसीसी) द्वारा निष्पादित किए जा रहे कार्य में तेजी लाने की जरूरत है। कुमार ने साथ ही उत्तरी त्रिपुरा के पर्वतीय क्षेत्र और राज्य के दहालई जिलों का भी दौरा किया और सीमा सड़क एवं बाड़बंदी कार्य की प्रगति की समीक्षा की। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण खानतालांग सीमा चौकी पर सचिव ने बीएसएफ के क्षेत्रीय कमांडरों एवं जवानों से बातचीत की।