केंद्र सरकार ने सैन्‍य अधिकारी के परिजनों को मिलने वाली अनुकंपा राशि को बढ़ा दिया है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि सैन्‍यकर्मियों की परिवार वालों को मिलने वाली अनुकंपा राशि को बढ़ाया गया है। लोकसभा में एक लिखित जवाब में रक्षा राज्‍य मंत्री सुभाष भामरे ने बताया कि अगर आतंकी हमले में किसी जवान की मौत हो जाती है तो एक जनवरी 2016 से परिजनों को 25 लाख रुपये दिए जाएंगे। इससे पहले यह रकम 10 लाख रुपये थी। इसी तरह से युद्ध, सीमा पर गोलीबारी या आतंकियों, उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान मौत होने पर मिलने वाली रकम को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 35 लाख रुपये किया गया है। अधिकारियों के लिए आर्मी ग्रुप इंश्‍योरेंस फंड को बढ़ाकर 60 से 75 लाख रुपये और जेसीओ व बाकी अन्‍य रैंक के जवानों के लिए 30 से 37.5 लाख रुपये किया गया है। यह नियम एक अक्‍टूबर 2016 से प्रभावी होगा।

सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब सीमा पर अशांति के चलते कई जवान शहीद हुए हैं। परिवार को मिलने वाले मुआवजे में पहला बदलाव 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय हुआ था। अब दूसरा बदलाव 18 साल बाद हुआ है। सरकार के इस फैसले का फायदा सियाचिन ग्‍लेशियर में शहीद हुए हनुमनथप्‍पा को भी मिलेगा। हनुमनथप्‍पा इसी साल मई महीने में शहीद हुए थे। इससे पहले भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों की मूल पेंशन दिसंबर, 2015 की तुलना में 2.57 गुना बढ़ाई गई थी।  रक्षा मंत्राालय के सूत्रों के अनुसार मुआवजा राशि बढ़ाए जाने का सर्कुलर कुछ दिनों जारी कर दिया गया था। मुआवजा राशि पांच श्रेणियों में बढ़ाई गई है। सरकार की ओर से कहा गया है कि बढ़ाई गई राशि सरकार के वेलफेयर फंड से दी जाएगी। यह बीमा और अन्‍य लाभों से इतर है।

रक्षा मंत्री ने मुआवजे की सीमा में नौसेना को भी शामिल किया है। नौसेना हाल के दिनों में अदन की खाड़ी और सोमालिया के तट के करीब समुद्री डाकुओं के खिलाफ ऑपरेशन में शामिल रही है। हालांकि यह अच्‍छी बात है कि इन ऑपरेशन में अभी तक नेवी को किसी तरह की जनहानि नहीं हुुई है। नए नियम विदेशों में राहत एवं बचाव कार्य में शामिल रहने वाले वायुसेना और नौसेना के जवानों पर भी लागू होंगे। इन ऑपरेशन के दौरान केिसी जवान की मौत पर उसके परिवार को नये नियमों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। गौरतलब है कि मोदी सरकार के बनने के बाद एयरफोर्स और नेवी ने सूडान और यमन से भारतीयों को निकालने का ऑपरेशन किया था।