केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने सोमवार (23 जुलाई) को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कोई कर्मचारी अगर नौकरी छूटने के एक माह के भीतर दूसरी नौकरी नहीं पाता है तो उसे अपने कुल फंड का 75 फीसदी निकालने की अनुमति दी जा सकती है। गंगवार ने ये बात लोकसभा में कही।
संतोष गंगवार ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि के ट्रस्टियों के केंद्रीय बोर्ड की 222वीं मीटिंग बीते 26 जून को आयोजित की गई थी। इसी मीटिंग में ईपीएफ स्कीम, 1952 के पैराग्राफ 68एचएच में प्रस्ताव देने का अनुमोदन किया गया। इससे लगातार एक महीने तक नौकरी में न रहने वाला ईपीएफ धारक अपने कुल जमा भविष्य निधि का 75 फीसदी हिस्सा निकाल सकेगा। ये बातें उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान कहीं।
मंत्री ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में सदस्य को निधि में जमा संपूर्ण राशि निकालने की अनुमति उसी अवस्था में दी जाती है, जब वह लगातार दो महीने तक नौकरी में न रहे। ऐसे में वह प्रार्थनापत्र देकर अपनी संपूर्ण राशि निकालने के लिए आवेदन दे सकता है।
प्रार्थनापत्र देने के दिन से दो महीने के बाद निधि में मौजूद संपूर्ण धनराशि खाते में भेज दी जाती है। लेकिन दो महीने का यह वेटिंग अंतराल उस स्थिति में भी लागू नहीं होता है, जब कोई महिला सदस्य अपनी शादी करने के लिए नौकरी से इस्तीफा दे रही हो।