केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने के कानून में एक बड़ा बदलाव किया है। किसी सरकारी कर्मचारी के असमय निधन या किसी चिकित्सकीय वजह से 55 साल से कम उम्र में रिटायर हो जाने की स्थिति में उसके एक आश्रित को उसकी जगह नौकरी देना का प्रावधान है। अभी तक अनुकंपा के तौर पर केवल पत्नी या अविवाहित पुत्र-पुत्री को ही नौकरी मिल सकती थी। केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलाव के बाद अब विवाहित पुत्र को आश्रित के तौर पर नौकरी मिल सकती है। कार्मिक मंत्रालय ने मंगलवार को इस संदर्भ में आदेश जारी करके हुए सूचित किया कि अनुकंपा पर नौकरी पाने से जुड़े बाकी नियम पहले जैसे ही रहेंगे। अनुकंपा पर नौकरी पाने के लिए परिवार का मृतक पर या समय-पूर्व सेवानिवृत्त व्यक्ति पर पूरी तरह आश्रित होना जरूरी है।

मंत्रालय के आदेश के अनुसार जो लोग 2013 से 2015 के बीच पुराने नियम की वजह से अनुकंपा पर नौकरी नहीं पा सके थे उनके आवदेन पर सरकार फिर से विचार कर सकती है। जनवरी 2013 में सरकार ने अनुकंपा पर नौकरी पाने से जुड़े कानून में बदलाव किया था। उसके बाद मंत्रालय की वेबसाइट पर अनुकंपा से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में कहा गया था कि विवाहित पुत्र को अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जा सकती। हालांकि मंत्रालय के जवाब में ये भी स्पष्ट किया गया था कि विवाहित पुत्री को पूरी तरह आश्रित होने की स्थिति में अनुकंपा पर नौकरी दी जा सकती है, बशर्ते वो परिवार के अन्य सदस्यों का भी भरण-पोषण करे। सरकार ने फरवरी 2015 में अपना निर्णय बदला और कहा कि विवाहित पुत्र भी विवाहित पुत्री के लिए लागू शर्तों को पूरा करने की सूरत में अनुकंपा पर नौकरी पा सकते हैं।