जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार दस हजार अर्धसैनिक बलों की तैनाती करने जा रही है। अर्धसैनिक बलों को भेजने का फैसला ऐसे समय पर लिया गया जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल हाल में कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा से लौटे। सूत्रों ने बताया कि डोवाल ने अपने दौरे पर वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। मालूम हो की प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू है।

जम्मू और कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले ही उत्तरी कश्मीर में तैनाती के लिए इन सैनिकों की जरुरत बताई थी। दिलबाग सिंह ने कहा, ‘उत्तरी कश्मीर में सैनिकों की संख्या कम है और इसलिए हमें अतिरिक्त सैनिकों की जररुत है। 100 कंपनियों को एयरलिफ्ट किया गया है। इसकी ही हमने मांग की थी।’ एक कंपनी में करीब 100 सैनिक होते हैं। बता दें कि अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए हाल में 40,000 अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्ति सुरक्षाबलों की तैनाती पर जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी शाह फैसल ने कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि यह अफवाह है कि घाटी में कुछ डरावना होने वाला है।

उन्होंने शुक्रवार (26 जुलाई, 2019) को एक ट्वीट के जरिए कहा, ‘घाटी में अचानक दस हजार सुरक्षाबलों की तैनाती क्यों हो रही है, इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। इस बात की अफवाह है कि घाटी में कुछ बड़ा डरावना होने वाला है। क्या यह अनुच्छेद 35A को लेकर है।’