सीबीआई ने सीशोर समूह के कथित चिट फंड घोटाले की जांच के सिलसिले में आज राज्यसभा के एक सदस्य के आवास सहित 18 ठिकानों पर छापे मारे जिस दौरान एक बिचौलिये के घर से 14 लाख रुपये से अधिक नकदी और दो सोने के बिस्कुट बरामद किये गए।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने ओड़िशा में 16 स्थानों के अलावा दिल्ली और मुम्बई में भी छापे मारे। इनमें ओड़िशा से राज्यसभा सदस्य प्यारीमोहन महापात्र के दिल्ली और भुवनेश्वर स्थित आवास और राज्य से दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों पी के होता एवं एस सी पटनायक के आवास शामिल हैं।

भुवनेश्वर में महापात्र ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं अपने आवास पर सीबीआई की छापेमारी का स्वागत करता हूं। उन्होंने (सीबीआई टीम ने) आज सुबह मेरे घर की तलाशी ली और मेरे बैंक की पास बुक, संपत्ति के रेकॉर्ड, पार्टी दस्तावेज और अन्य चीजें ले गए।’’

राज्यसभा सदस्य से जब पूछा गया कि छापेमारी क्यों की गई तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दिए गए तलाशी वारंट पर किसी कारण का जिक्र नहीं था। सीबीआई के लोगों से पूछें, उन्होंने मेरे घर की तलाशी क्यों ली।’’

महापात्र ने दावा किया कि उनका किसी भी पोंजी स्कीम वाली कंपनी से कोई संबंध नहीं है और कहा कि सच्चाई उजागर करने के लिए वह सीबीआई के साथ सहयोग करेंगे।

इससे पहले, महापात्र ने स्वीकार किया था कि उन्होंने सीशोर ग्रुप के सीएमडी प्रशांत दास से मुलाकात की थी। दास अब जेल में हैं। राज्यसभा सदस्य ने कहा था, ‘‘मैंने उनसे (दास से) तब मुलाकात की थी जब वह मेरे घर आए थे और नबरंगपुर जिले में मक्का प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया था। उसके बाद वह (दास) दूसरी बार मेरे घर पर एक कार्यक्रम के लिए मुझे दावत देने आए थे।’’

सूत्रों ने बताया कि कथित बिचौलिये शुभांकर नायक के आवास पर छापे के दौरान उच्चतम न्यायालय के आदेश पर घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने 14.63 लाख रुपये नकद और 50-50 ग्राम के सोने के दो बिस्कुट बरामद किये। इसके अलावा कई दस्तावेज भी बरामद किये गए थे।

सीबीआई ने ओड़िशा में सीशोर सीएमडी के कुछ निकट सहयोगियों के आवास पर भी छापेमारी की। सीबीआई सीशोर चिट फंड घोटाले में कथित भूमिका को ले कर अतीत में ओडिशा के अनेक राजनीतिक दिग्गजों से पूछताछ कर चुकी है।

सीशोर ग्रुप की जांच से नवीन पटनायक सरकार को मुश्किल हो सकती है क्योंकि उसने सार्वजनिक-निजी साझेदारी के आधार पर विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी सीशोर समूह को दी थी।

इस कार्रवाई के दौरान तितलागढ़ में एपीआईसीओएल के पूर्व अध्यक्ष तथा उन निजी कंपनियों के परिसरों में भी छापेमारी की गई जिनमें कथित समूह की कंपनियों से पर्याप्त धनराशि कथित तौर पर लगायी गई।