ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की भिड़ंत से हुए दर्दनाक हादसे की केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। मंगलवार (6 जून, 2023) को सीबीआई की टीम घटनास्थल पर पहुंची और वहां का जायजा लिया। बीते शुक्रवार को हुए इस रेल हादसे में 275 लोगों की जान गई थी और 1100 लोग घायल हो गए थे। इनमें से 900 लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
कंट्रोल रूम, सिग्नल और सिग्नल प्वाइंट का लिया जायजा
सीबीआई की टीम ने बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम, सिग्नल रूम और सिग्नल प्वाइंट का जायजा लिया। रविवार को मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी। इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को ट्रेन के सिस्टम में छेड़छाड़ की बात कही थी। उन्होंने दूरदर्शन पर अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के ट्रैक के कन्फिगरेशन में बदलाव किया गया, जिसकी वजह से यह भीषण हादसा हुआ। उन्होंने कहा था कि किसी ने ट्रेन के कन्फिगरेशन में कुछ बदलाव किया, जिससे ट्रेन का सभी कुछ नियंत्रित होता है। किसी ने उसमें बदलाव किया और उसकी वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस पर तभी कुछ कहेंगे जब स्वतंत्र जांच एजेंसी इस पर अपनी रिपोर्ट सब्मिट कर देगी।
इस घटना को तीन दिन बीत चुके हैं और अभी भी हादसे के शिकार लोगों के रिश्तेदार उनकी तलाश में अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। कितने ही लोग ऐसे हैं जिन्हें अपने प्रियजनों का कोई पता नहीं है और एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में उनकी तलाश कर रहे हैं। इस बीच सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों से हादसे के पीड़ितों के लिए कवरेज और बीमा राशि पर रिपोर्ट देने को कहा है।
फाइनेंशियल सर्विस डिपार्टमेंट ने जनरल इंश्योरेंस काउंसिल, सामान्य बीमाकर्ताओं के आधिकारिक प्रतिनिधि निकाय, लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल और आधिकारिक प्रतिनिधि जीवन बीमाकर्ताओं को अपने सदस्यों से 12 जून तक हादसे के पीड़ितों के बारे में डेटा इकट्ठा करने के लिए कहा है। सरकार तीन सरकारी योजनाओं के माध्यम से बीमा राशि का भुगतान करने की योजना बना रही है।
ओडिशा हादसे का कारण क्या रहा- तकनीकी खराबी या फिर मानवीय भूल? | EXCLUSIVE
2 जून की शाम ओडिशा के बालासोर के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही। पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर, फिर यशंवतपुर एक्सप्रेस की कोरोमंडल की ही बिखरी हुई बोरियों से टक्कर। हुआ क्या- 275 लोगों की दर्दनाक मौत, 1000 से ज्यादा लोग घायल, कई की हालत गंभीर। किसी ने हाथ गंवाया, किसी का पैर गया तो किसी का सिर ही धड़ से अलग हो गया। सब जगह लाशें बिछ गईं और मातम पसर गया। जांच शुरू हो गई है, मुआवजे का ऐलान किया जा चुका है, राजनीति भी चरम पर चल रही है। लेकिन एक सवाल तो वहीं का वहीं रह गया- भारत में रेल हादसे होते क्यों हैं? आजादी के 75 साल हो गए हैं,लेकिन ये विनाशकारी दुर्घटनाएं रुकती क्यों नहीं? कहां चूक रहा है भारतीय रेल? इस समय किन चुनौतियों का सामना कर रहा है रेल? आने वाले 20 सालों का रोडमैप क्या रहना चाहिए?
अब इन सभी सवालों का जवाब सरकार दे सकती है, लेकिन वो आकलन कितना निष्पक्ष होगा, ये बताना मुश्किल है। ऐसे में हमने रेलवे से जुड़े ही एक अधिकारी से बात की। रिटायर हो चुके हैं, लेकिन कई सालों का अनुभव है, उस सच्चाई से परिचित हैं जो शायद सरकार बताना ना चाहे। ऐसे में उसी सच्चाई को जानने के लिए हमने रिटायर्ड Indian Railway Service of Engineers (IRSE) के अधिकारी आलोक कुमार वर्मा से बात की है। ओडिशा हादसे की वजह जानने का प्रयास रहा है, भारतीय रेल के सामने बड़ी चुनौतियों को समझने की कोशिश की है और आने वाले 20 सालों का क्या रोडमैप हो सकता है, इस पर भी मंथन किया गया है। Read Full Interview Here