केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) नियमों के उल्लंघन के मामले में एनडीटीवी के प्रवर्तकों प्रणय रॉय, राधिका रॉय और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला 2007- 09 के बीच किए गए विदेशी निवेश से जुड़ा है। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है। सीबीआइ ने समाचार चैनल के तत्कालीन सीईओ विक्रमादित्य चंद्रा और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। सीबीआइ ने 2016 में शुरुआती जांच की थी, उसी के आधार पर यह मामला (एफआइआर) दर्ज किया गया है।
सीबीआइ अधिकारियों के मुताबिक, बुधवार को सीबीआइ की एक टीम ने चंद्रा के आवास पर छानबीन की। जनरल इलेक्ट्रिक की इकाई एनसीबीयू द्वारा एनडीटीवी की 30 नवंबर, 2006 को लंदन में बनाई गई कंपनी नेटवर्क पीएलसी में किए गए निवेश की सीबीआइ ने जांच शुरू की है। सीबीआइ का आरोप है कि नेटवर्क पीएलसी को 2009 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) से जो मंजूरी मिली है, उसमें एफडीआइ नियमों का उल्लंन हुआ है। इसमें कहा गया है कि नेटवर्क पीएलसी को कुल 16.34 करोड़ रुपए का एफडीआइ प्राप्त हुआ और इसे एनडीटीवी की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों में निवेश किया गया।
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एनडीटीवी ने हालांकि एक बयान जारी कर सीबीआइ के आरोपों को खारिज किया है। कंपनी ने कहा है कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण दौर में उसका और उसके प्रवर्तकों का भारत की न्यायिक व्यवस्था में पूरा विश्वास है। वह कंपनी की पत्रकारिता की निष्पक्षता को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। दुर्भावनापूर्ण और साजिश के तहत स्वतंत्र और ईमानदार पत्रकारिता की आवाज बंद करने की कोशिशें सफल नहीं होंगी। यह किसी व्यक्ति अथवा कंपनी की लड़ाई नहीं है बल्कि यह पत्रकारिता की आजादी को बनाए रखने की बड़ी लड़ाई है, जिसके लिए भारत को हमेशा से जाना गया है।
