उत्तर प्रदेश की रामपुर पुलिस लगातार आजम खान और उनके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रही है। हालांकि पुलिस ने अब सपा नेता के परिवार के सदस्यों जैसे उनके बड़े भाई, बहन और भतीजा के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है। सपा सांसद आजम खान की 75 वर्षीय बहन निखत अखलाक से भी पूछताछ के लिए शुक्रवार को पुलिस ने उन्हें बुलाया। निखत रिटायर्ड सरकारी शिक्षक हैं और वर्तमान में जौहर ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष हैं, जो यूनिवर्सिटी का संचालन करता है। आजम खान के बड़े भाई शरीफ खान और उनके बेटे बिलाल के खिलाफ भी पुलिस ने हत्या की कोशिश के एक मामले में केस दर्ज किया है। बुधवार को दर्ज किए गए इस मामले में आजम खान को सह अभियुक्त बनाया गया। शरीफ खान एक रिटायर्ड इंजीनियर हैं।
शरीफ और उनके बेटे के खिलाफ केस मोहम्मद अहमद की शिकायत पर दर्ज किया गया। शरीफ का दावा है कि वो आजम खान और उनके भाई के पड़ेसी हैं। गंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ नरेंद्र त्यागी ने बताया केस आजम खान, उनके भाई और भतीजे के खिलाफ आईसीपी की धारा 307, 323, 504, 386 और 452 के तहत दर्ज किया गया है।
अहमद ने अपनी शिकात में बताया, ’28 अगस्त को शाम करीब पांच बजे, जब मैं नमाज पढ़कर लौट रहा था, तब शरीफ खान और उनके बेटे बिलाल द्वारा मुझे रोका गया। उन्होंने मुझसे शरीफ को जबरन अपना मकान बेचने का दबाव बनाया। जब मैंने मना कर दिया तो उन्होंने मुझे गालियां देनी शुरू कर दीं और जमीन पर धक्का दे दिया। इसके बाद हत्या के इरादे से मेरे साथ मारपीट की गई। इस दौरान मेरे भाई मोहम्मद इस्माइल घटना स्थल पर पहुंचे और वहां से भागने में मेरी मदद की।’
अहमद ने आगे बताया, ‘इसके बाद बाप-बेटे चले गए। करीब बीस मिनट दो सपा कार्यकर्ताओं के साथ वो मेरे घर पर आ धमके और एक बार फिर मुझपर हमला किया। बिलाल देशी कट्टा निकाल लाया। उसने कहा कि या तो मैं अपना घर उनके नाम कर दूं या फिर पचास लाख रुपए नकद दूं। मैं बहुत डर गया और इसके लिए पांच-छह दिन का वक्त मांगा।’
एफआईआर में शरीफ खान, बिलाल, आजम खान, आजम के बेटे और स्वार से विधायक अब्दुल्ला व एक अज्ञात शख्स का नाम भी दर्ज किया गया है। एसएचओ त्यागी के मुताबिक विवाद अहमद के घर को लेकर था जिसे आजम और उनके रिश्तेदार हड़पना चाहते थे। त्यागी के मुताबिक, ‘शिकायतकर्ता का दावा है कि उसने घर साल 1992 में खरीदा था और 2013 से आजम और उनके परिवार के सदस्यों से धमकी मिल रही हैं।’
इसी बीच आजम की बहन निखत अखलाक से जौहर यूनिवर्सिटी को चलाने वाले ट्रस्ट में कथित अनियमितताओं के चलते पूछताछ की गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘पूछताछ के बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी गई। हालांकि उन्होंने किसी भी गलत गतिविधि में खुद के शामिल होने की बात से साफ इनकार कर दिया।’ बता दें कि जौहर ट्रस्ट पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं, इसके चेयरमैन खुद आजम खान हैं।
इसी दौरान 2016 में वक्फ बोर्ड से संबंधित यतीमखाना बस्ती में रहने वाले लोगों को कथित तौर पर बेदखल करने को लेकर आजम और उनके साथियों के खिलाफ तीन और मामले दर्ज किए गए। बस्ती में कम से कम 50 घर थे। यह केस बस्ती के पूर्व निवासियों की शिकायत के आधार पर दर्ज किए गए। इन लोगों का दावा है कि उन्हें जमीन वक्फ बोर्ड से मिली थी, मगर उन्हें जबरन आजम खान और उनके साथियों ने निकाल दिया।
शुक्रवार को पुलिस ने आजम और उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित निष्कासन के मामले में चार और केस दर्ज किए। इस मामले में पिछले तीन दिनों में आजम खान के खिलाफ कुल सात केस दर्ज किए गए। आजम के अलावा इन एफआईआर में उनके पीआरओ फशत शानू, तब के सर्किल ऑफिसर अली हसन के नाम भी दर्ज हैं। अप्रैल से अभी तक रामपुर सांसद के खिलाफ करीब 81 केस दर्ज किए जा चुके हैं।