कनाडा सरकार ने छात्र वीज़ा जारी करने के नियमों को सख्त कर दिया है। इसका सीधा असर उन भारतीय छात्रों पर पड़ सकता है जिन्हें पढ़ाई के लिए कनाडा जाना है। कनाडा के इमिग्रेशन मामलों के मंत्री मार्क मिलर ने यह घोषणा की है कि 1 सितंबर, 2024 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र के लिए छात्र वीज़ा में 35% कटौती कर दी गई है। साल 2023 में वहां 5 लाख 79 हजार वीजा जारी किए गए थे। लेकिन नए नियमों के तहत यह संख्या इस इस साल 3 लाख 64 हजार रह जाएगी।
सख्त हो गए हैं नियम
सवाल यह उठता है कि कनाडा सरकार ने वीजा जारी करने के नियम सख्त क्यों किए हैं? इसकी एक वजह बड़ी तादाद में छात्रों के वहां पहुंचने से आ रही समस्याओं से जुड़ी है। इसका असर वहां के आवास और बाज़ारों पर दिख रहा है। मंत्री मार्क मिलर ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि यह बंदिश अगले दो साल रहेगी क्योंकि नए नियम 2025 में आएंगे। इसके अलावा पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट प्रोग्राम (पीजीडब्ल्यूपी) में बदलाव की भी घोषणा की गई। पीजीडब्ल्यूपी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कनाडा में पढ़ाई पूरी करने के बाद काम करने की अनुमति देता है।
मार्क मिलर ने जानकारी दी है कि सितंबर-2024 से पाठ्यक्रम लाइसेंसिंग व्यवस्था (यानी, सार्वजनिक-निजी संस्थान मॉडल) के तहत पढ़ने वाले छात्रों को पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट प्रोग्राम (पीजीडब्ल्यूपी) जारी नहीं किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके अलावा आने वाले हफ्तों में एमए और डॉक्टरेट कार्यक्रमों के अलावा अंतरराष्ट्रीय छात्रों के जीवनसाथियों को वर्क परमिट जारी नहीं किए जाएंग।
क्या है सख्ती की वजह?
कनाडाई मीडिया ने मंत्री मार्क मिलर के हवाले से कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश को सीमित करने की जरूरत है ताकि यहां के के बाज़ार और रहन-सहन पर बहुत ज़्यादा दबाव ना आए और प्रभाव ना पड़े। मंत्री ने एक्स (सोशल साइट) पर लिखा है कि कनाडा का दायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करे कि अंतरराष्ट्रीय छात्र यहां बेहतर ढंग से रह सकें और उनकी बेहतरी की ओर कदम बढ़ें।
भारतीय छात्रों पर कैसे पड़ेगा असर?
कनाडा सरकार के छात्र परमिट पर यह नियम केवल ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों के लिए है। एमए और पीएचडी कार्यक्रमों के साथ-साथ प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय स्तर के पाठ्यक्रमों को छूट दी गई है। इसके आलवा यह नियम केवल नए आवेदकों पर लागू होंगे। यानी जो पहले से पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए यह नियम नहीं है।
अब सवाल भारतीय छात्रों से जुड़ा है कि इन बंदिशों का असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा या नहीं? भारत एशिया से कनाडा जाने वाले देशों की लिस्ट में चीन के बाद सबसे ऊपर है। बड़ी तादाद में भारतीय छात्र पढ़ने के लिए कनाडा जाते हैं। पंजाब के छात्रों के लिए कनाडा एक पसंदीदा जगह है। पंजाब में कनाडा जाना, वहां रहना, पढ़ना एक क्रेज़ की तौर पर देखा जाता है।