कैफे कॉफी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ पर 1 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निजी कर्ज था। जिसके चलते भी वह भारी दबाव में थे। दरअसल इकॉनोमिक टाइम्स ने कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्टरी के दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि वीजी सिद्धार्थ ने एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज पर्सनल होल्डिंग की एन्टिटीज पर लिया था। इसमें वीजी सिद्धार्थ ने देवदर्शिनी इन्फो टेक्नॉलोजीज और गोनीबेदु कॉफी और कॉफी डे कंसोलिडेशन्स मुख्य एन्टिटीज हैं, जिनकी मदद से कर्ज लिया गया है।
दस्तावेजों के अनुसार, साल 2014 में देवदर्शिनी इन्फो टेक्नॉलोजीज के ऑप्शनली कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (OCD) की मदद से स्टैंडर्ड चार्टर्ड प्राइवेट इक्विटी (मॉरीशस), क्रेडिट ऑपर्च्यूनिटीज फंड और एशिया क्रेडिट ऑपर्च्यूनिटीज (मॉरीशस) से 471 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था। इसके बाद नवंबर, 2018 में सिद्धार्थ ने देवदर्शिनी टेक्नॉलोजीज पर ही ओसीडी की मदद से एसएसजी एशिया से 300 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। हालांकि इसमें से कुछ कर्ज चुका दिया गया था।
वीजी सिद्धार्थ ने गोनीबेदु कॉफी कंपनी पर भी 450 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। कॉफी डे कंसोलिडेशन कंपनी पर 200 करोड़ रुपए और सलवान सिक्योरिटीज पर 42 करोड़ रुपए का कर्ज होने की बात सामने आयी है। इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि कर्ज की यह रकम लौटायी गई है या नहीं? बता दें कि ओसीडी (Optionally Convertible Debentures) कर्ज सिक्योरिटी होती है, जिनकी मदद से कर्ज लिया जाता है और बदले में ओसीडी जारी करने वाले शख्स को कर्ज की रकम पर मैच्योरिटी तक ब्याज देना होता है।
ईटी की खबर के अनुसार, निजी कर्ज के अलावा वीजी सिद्धार्थ की कंपनी कैफे कॉफी डे पर 31 मार्च, 2019 तक कुल 6,547.38 करोड़ रुपए का कर्ज है। कर्ज की यह रकम बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 30% अधिक है। कंपनी में वीजी सिद्धार्थ और उनके ग्रुप के 53.93% शेयर हैं। वीजी सिद्धार्थ ने यह कर्ज आदित्य बिरला फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एके कैपिटल, एसटीसीआई फाइनेंस, APAC, RBL बैंक और एसएसजी एशिया से लिया था।
बता दें कि वीजी सिद्धार्थ बीती सोमवार की शाम को लापता हो गए थे। इसके बाद उनकी तलाश की गई, लेकिन मंगलवार को उनके बारे में कुछ पता नहीं चल सका। बुधवार की सुबह उनका शव नेत्रावती नदी में तैरता दिखाई दिया था। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कर चिकमंगलुरु स्थित उनके पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।